Sanatana Remarks:'सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं, फैसला करें राहुल गांधी', उदयनिधि के बयान पर बोले सीएम हिमंत सरमा
Udhayanidhi Stalin Sanatana Remarks: हिमंत बिस्वा सरमा ने उदयनिधि की विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी का रुख जानना चाहा है. इस विषय में बात करते हुए उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किए हैं.
Udhayanidhi Stalin Sanatana Dharma Remarks: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि की सनातन धर्म पर टिप्पणी के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उदयनिधि के बयानों से किनारा नहीं करती तो यह मान लिया जाएगा कि पार्टी 'एंटी हिंदू' है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उदयनिधि की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के कथित बचाव को लेकर पार्टी की रुख पर भी सवाल उठाए हैं.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'मैं तमिलनाडु के मंत्री के बयान की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने ही खुद को बेनकाब कर दिया है.' सीएम हिमंत सरमा ने दावा किया कि इसी तरह की टिप्पणियां कार्ति चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी की थीं.
'राहुल गांधी की परीक्षा'
उन्होंने आगे कहा, 'अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस डीएमके के साथ गठबंधन में रहेगी और चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करेगी? यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है. उन्हें फैसला लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं.'
हिमंत सरमा ने आगे कहा, 'यदि राहुल गांधी डीएमके से नाता नहीं तोड़ते या चिदंबरम को (पार्टी से) नहीं निकालते तो इसकी पुष्टि हो जाएगी कि ये लोग (कांग्रेस) हिंदू विरोधी हैं, इन्हें सनातन धर्म पसंद नहीं है, इन्हें हिंदू धर्म पसंद नहीं है.'
क्या है मामला ?
शनिवार को तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आरोप लगाया था कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और उन्होंने इसकी तुलना मलेरिया, डेंगू वायरस और कोरोना से की थी.
इस बयान के बाद देश भर की सियासी गलियारों में हलचल मच गई. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने इस बयान का हवाला देते हुए एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है. उनका(उदयनिधि) मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल विरोध किया जाना चाहिए. वह सनातन धर्म को मानने वाली भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं.'
ट्वीट में वह आगे लिखते हैं, 'डीएमके विपक्षी गुट का एक प्रमुख सदस्य है और कांग्रेस का लंबे समय से सहयोगी है. क्या मुंबई बैठक में इसी पर सहमति बनी थी?'
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