पीएम केयर्स फंड, कैग रिपोर्ट, मणिपुर... उदयनिधि ने इन मुद्दों पर पीएम मोदी से मांगा 9 साल का हिसाब-किताब
उदयनिधि स्टालिन ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी झूठी खबरों के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि अपने मुद्दों से बचने के लिए सनातन का मुद्दा उठाया गया है.
सनातन मुद्दे को लेकर मचे बवाल के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएम केयर्स फंड, कैग रिपोर्ट, मणिपुर हिंसा और नौ सालों के कामकाज को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर और साढ़े सात करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सनातन का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चाल है. उदयनिधि ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि अगर धर्म जाति के नाम पर लोगों को बांटता है, छुआछूत और गुलामी सिखाता है तो मैं सबसे पहले धर्म का विरोध करूंगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगी चुनाव जीतने के लिए इन मुद्दों का सहारा लेते हैं. स्टालिन ने कहा कि मणिपुर में हुई मौतों और साढ़े सात करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सनातन का मुद्दा उठाया गया है. स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दावा करते हैं कि उन्होंने कोरोना महामारी के लिए पीएम केयर्स के जरिए धन इकट्ठा किया, लेकिन उन्होंने कभी कैग की रिपोर्ट का जवाब नहीं दिया कि 7.5 करोड़ रुपये कहां से आए. मणिपुर के मुद्दे से बचने के लिए वह अपने दोस्त गौतम अडानी के साथ दुनिया घूम रहे हैं.
स्टालिन ने कहा, झूठी खबरों के आधार पर कार्रवाई की मांग
स्टालिन ने कहा कि इसमें चौंकने वाली बात नहीं है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री एवं बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री झूठी खबरों के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सभी लोग एक समान है.
पीएम मोदी के 9 सालों के कामकाज पर भी उठाए सवाल
उदयनिधि स्टालिन ने अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल के कार्यकाल में किए गए कामों पर भी सवाल उठाया और कहा कि उन्होंने कुछ नहीं किया है. स्टालिन ने कहा कि पीएम मोदी ने सिर्फ नोटबंदी की, झुग्गी झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवारें खड़ी कर दीं, नई संसद बिल्डिंग बनाई, नई संसद में सिंगोल स्थापित किया और अब देश का नाम बदलने की कोशिश चल रही है.