नई दिल्लीः संयुक्त जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (UDISE+) की रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में माध्यमिक स्तर के साथ-साथ प्राथमिक कक्षाओं (1 से 5) में स्कूल छोड़ने के मामले में लड़कियों की तुलना में लड़कों की संख्या अधिक रही जबकि उच्च प्राथमिक कक्षाओं (6-8) में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक थी.


रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की कुल दर 17 प्रतिशत से अधिक है, जबकि उच्च प्राथमिक कक्षाओं (6 से 8) और प्राथमिक स्तर पर यह क्रमशः 1.8 और 1.5 प्रतिशत है. लड़कों की प्राथमिक कक्षाओं में स्कूल छोड़ने की दर 1.7 प्रतिशत जबकि लड़कियों की 1.2 प्रतिशत थी. इसी तरह माध्यमिक कक्षाओं में स्कूल छोड़ने की लड़कियों की दर 16.3 प्रतिशत जबकि लड़कों की दर 18.3 प्रतिशत रही.


चार राज्यों में 30% से अधिक ड्रॉपआउट दर


रिपोर्ट के अनुसार पता चलता है कि देश में मध्य प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और मेघालय जैसे राज्यों समेत 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 और 10) पर स्कूल छोड़ने की दर भारतीय दर (17.3%) से काफी ज्यादा है. वहीं चार राज्यों में 30% से अधिक ड्रॉपआउट दर दर्ज की गई है. असम और अरुणाचल प्रदेश में ड्रॉपआउट दर 25% से अधिक है.


पंजाब में सबसे कम ड्रॉपआउट दर


रिपोर्ट के अनुसार देशभर में कम ड्रॉपआउट दर में पंजाब सबसे आगे है. यहां पर सबसे कम ड्रॉपआउट दर 1.5% दर्ज की गई है. वहीं 10% से कम ड्रॉपआउट दर वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की बात करें तो इसमें केरल में 8%, चंडीगढ़ में 9.5%, मणिपुर में 9.6%, तमिलनाडु में 9.6% और उत्तराखंड में 9.8% दर दर्ज की गई है.


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