नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके पदाधिकारी और फैकलिटी मेंबर्स अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव करने से बचें.
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट पर एक पेज बनाएं जहां इससे जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकें और ऐसी किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘विश्वविद्यालय और कॉलेजों को यह सुनिश्चत करना चाहिए कि कोई भी पदाधिकारी या संकाय सदस्य किसी भी समुदाय या श्रेणी के छात्रों के खिलाफ भेदभाव ना करे. उन्हें अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रों के साथ उनके सामाजिक स्तर के कारण भेदभाव करने से बचना चाहिए.’’
जैन ने कहा, ‘‘गलती करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो. विश्वविद्यालय ऐसी शिकायतों से निपटने के लिए समिति का गठन भी कर सकता है. पदाधिकारियों को बेहद संवेदनशीलता के साथ ऐसी शिकायतों का निपटारा करना चहिए और इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट 30 दिन के भीतर यूजीसी को भेजी जानी चाहिए.’’