UGC New Guidlines 2022: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए नए नियम तैयार कर लिए हैं. यूजीसी की ओर से तैयार किए गए नये नियमों के मसौदे के अनुसार, अब छात्र तीन के बजाय चार साल की पढ़ाई पूरी करने पर ही स्नातक की ‘ऑनर्स’ डिग्री हासिल कर सकेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए ‘चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क’ के मसौदे को सोमवार को अधिसूचित किए जाने की संभावना है.


नए सत्र में बदलाव संभव


 ‘छात्र 120 क्रेडिट (अकादमिक घंटों की संख्या के माध्यम से मापा जाता है) पूरा होने पर तीन साल में स्नातक डिग्री और 160 क्रेडिट पूरा होने पर चार साल में स्नातक ऑनर्स की डिग्री प्राप्त करने में सक्षम होंगे.’ यूजीसी के इस मसौदे में कहा गया है, ‘अगर छात्र शोध विशेषज्ञता के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने चार साल के पाठ्यक्रम में एक शोध परियोजना शुरू करनी होगी. इससे उन्हें शोध विशेषज्ञता के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी.’ फिलहाल छात्रों को तीन साल के स्नातक कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है. पर नए सत्र से इसके बदलने की पूरी संभावना है.


4 साल का स्नातक करने पर ही पीजी में दाखिला


नए मसौदे के तहत अब स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन कोर्स पूरा करने लिए समय की बाध्यता नहीं रहेगी. छात्र बचे हुए कोर्स को 10 साल बाद भी पूरा कर सकेंगे. वर्तमान में कोर्स पूरा करने के लिए समय निर्धारित है. वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन के पहले साल के कोर्स को अंडर ग्रेजुएट के चौथे सत्र में शामिल किया जाएगा. इसकी वजह से ग्रेजुएशन का कोर्स अब तीन की बजाय चार साल का हो जाएगा.


बीच में पढ़ाई छोड़ने पर भी डिग्री


नए नियम की एक और खास बात ये है कि अगर कोई स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो उसके बाद भी उसे प्रमाण पत्र दिया जाएगा. मान लीजिए ग्रेजुएशन कर रहे एक स्टूडेंट ने पहले सत्र में पढ़ाई छोड़ दी तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा. अगर वह दूसरे सत्र को करके छोड़ता है तो तो डिप्लोमा मिलेगा. तीन साल बाद पढ़ाई छोड़ने पर बैचलर की डिग्री मिल जाएगी. चौथे साल की पढ़ाई पूरी करने पर बैचलर रिसर्च की डिग्री दी जाएगी.


ये भी पढ़ें


Government Formation: हिमाचल में सीएम पर सस्पेंस बरकरार, आलाकमान करेगा फैसला, गुजरात में आज BJP विधायक दल की बैठक | बड़ी बातें