नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की अर्जी पर सुनवाई 10 अगस्त तक के लिए टाल दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में 6 जुलाई को जारी यूजीसी की उस गाइडलाइन को चुनौती दी गई थी, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर लेने के लिए कहा गया है.


यूजीसी का कहना है कि फाइनल ईयर की परीक्षा का आयोजन जरूरी है उसको रोका नहीं जा सकता है.


अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों ने दायर की है याचिका


प्रणीत समेत देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों, कानून के छात्र यश दुबे, शिवसेना की युवा इकाई युवा सेना के नेता आदित्य ठाकरे और छात्र कृष्णा वाघमारे ने याचिकाएं दाखिल की हैं. इन याचिकाओं में देश में फैली कोरोना की बीमारी का हवाला दिया गया है. मांग की गई है कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने CBSE के मामले में अब तक आयोजित हो चुकी परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया था, वैसा ही इस मामले में भी किया जाए.


यह मामला सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की बेंच के सामने लगा. यूजीसी की तरफ से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि देश के 818 विश्वविद्यालयों में से 209 अंतिम वर्ष की परीक्षा का आयोजन कर चुके हैं. 394 परीक्षा का आयोजन करने जा रहे हैं. छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प दिया जा सकता है. इससे उनके स्वास्थ्य को खतरा नहीं होगा.


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