UGC On Tobacco Free Campus: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को केंद्र सरकार के तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के निर्देशों का पालन करने के लिए एक रिमाइंडर जारी किया है. यूजीसी ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि टोबैको फ्री कैंपस के लिए जो गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, उनका सख्ती से शत प्रतिशत पालन होना चाहिए.


यूजीसी ने कहा, "उच्च शिक्षण संस्थानों से अनुरोध है कि वे तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (टीओएफईआई) मैनुअल और दिशानिर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करें, और यह सुनिश्चित करें कि उनके परिसर तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थों से मुक्त हों."


यूजीसी ने जारी की चिट्ठी


इस बाबत यूजीसी ने बीते 11 सिंतबर को एक चिट्ठी जारी की, जिसमें सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और कॉलेजों के प्रिंसिपल को कहा गया कि युवाओं में तंबाकू की लत चिंता का विषय है. शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वो इस समस्या को दूर करने की दिशा में तय किए गए हर नियम को सख्ती से लागू करें. इसके साथ ही यूजीसी ने छात्रों के बीच बढ़ रहे ई-सिगरेट के प्रचलन भी चिंता व्यक्त की.  


'13 से 15 साल की उम्र के बच्चों में बढ़ रहा तंबाकू इस्तेमाल का चलन' 


यूजीसी ने ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2019 का उदाहरण दिया और कहा कि 13 से 15 साल की उम्र के 8.5 प्रतिशत स्टूडेंट्स अलग-अलग तरीकों से तंबाकू प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. 5500 से ज्यादा बच्चों को हर साल तंबाकू की लत लगती है. सर्वे में सामने आया था कि भारत में करीब 14 प्रतिशत स्टूडेट्स (13-15 वर्ष) तंबाकू के आदी हो गए थे. इसके बाद से शिक्षा संस्थानों में मुहिम चली और कुछ असर भी देखने को मिला लेकिन स्टूडेंट्स की ओर से तंबाकू का इस्तेमाल करना अभी भी चिंता का विषय है.


स्वास्थ्य मंत्रालय ने टबैको फ्री कैंपस के लिए गाइडलाइंस बनाई थीं और इसे हर संस्थान को भेजा गया है. टोबैको फ्री कैंपस में वे संस्थान आते हैं जिनके कैंपस के भीतर और बाहरी क्षेत्र (100 गज तक) में टोबैको प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल पर रोक होती है. संस्थानों ने इसके लिए व्यापक नीतियां बनाई हैं.


ये भी पढ़ें: Tobacco Gutka Ban: तंबाकू-गुटखा खाने के शौकीनों को बड़ा झटका, इस राज्य ने बिक्री और प्रोडक्शन पर लगाई रोक