UIDAI Seeking Aadhar Holders: भारत सरकार (Indian Government) की तरफ से नागरिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस (All-India Database Plan) स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है. जिसे एनआरसी (NRC) की तरफ सरकार के एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है.


जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) सभी भारतीय नागरिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर सभी नागरिकों के जन्म और मृत्यु को दर्ज किया जाएगा, एक कैबिनेट नोट और मंत्रालय द्वारा पेश किए गए एक बिल से इसे लेकर जानकारी मिली है. वर्तमान में, इस डेटाबेस का रखरखाव राज्यों द्वारा स्थानीय रजिस्ट्रारों के माध्यम से किया जाता है.


भारत सरकार ने नागरिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का प्लान बनाया है. सरकार के इस कदम ने एक फिर से एनआरसी की आहट को हवा दे दी है. जिसके राष्ट्रीय स्तर पर सभी नागरिकों के जन्म और मृत्यु को दर्ज किया जाएगा. हालांकि, आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का प्रस्ताव सरकार की तरफ से स्वैच्छिक रखा गया है.


वहीं, केंद्र सरकार इस डेटाबेस को जनसंख्या रजिस्टर और वोटर लिस्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस के साथ जोड़ना चाहती है. मिली जानकारी के अनुसार, इसके लिए जन्म-मृत्यु अधिनियम के रजिस्ट्रेशन में संशोधन के लिए एक कैबिनेट नोट लाया गया है.


इस वजह से आधार कार्ड हो रहा अपडेट


दरअसल, देश भर के राज्य एक साथ दो दस्तावेज जारी करने की योजना बना रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, "अगले कुछ महीनों में सभी राज्य बोर्ड में शामिल हो जाएंगे. वहीं, जन्म प्रमाण पत्र के साथ पिछले कुछ महीनों में नामांकित शिशुओं की संख्या आसानी से उपलब्ध नहीं थी."


जानकारी के अनुसार, अब तक 134 करोड़ आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें असम और मेघालय उन राज्यों में शामिल हैं, जहां पूरी आबादी को अभी तक यूनिक आईडी नहीं मिली है, जिसकी वजह से लद्दाख और नागालैंड भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुए हैं, क्योंकि दूरदराज के इलाकों में आबादी पूरी तरह से नामांकित नहीं हुई है.


NRC कराने की तैयारी में केंद्र सरकार!


कैबिनेट नोट (Cabinet Note) के आधार पर ये राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. वहीं, माना जा रहा है कि केंद्र सरकार (Indian Government) गृहमंत्री (Union Home Ministry) अमित शाह (Amit Shah) की देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानि एनआरसी (NRC) के ऐलान कर सकती है, जिसके लिए आगे बढ़ने के लिए ये एक तैयारी है. बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के साथ असम के लिए पहली बार घोषित की गई एनआरसी बनाने का प्लान करीब 3 साल पहले पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था. 


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