जहरीली शराब मामला: उज्जैन में 'मौत के सौदागरों' की पुलिस थी साझेदार, कार्रवाई जारी
इस मामले में दो पुलिसकर्मी जेल भेजे जा चुके हैं. वहीं दो अभी फरार चल रहे हैं. जांच अभी चल रही है और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है.
उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन में जहरीली शराब पीने से एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत के मामले में पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई का क्रम जारी है. इस मामले में अभी दो पुलिसकर्मी फरार है जबकि दो जेल की हवा खा रहे है.
इस मामले में खाराकुआ थाने में एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें खाराकुआ थाने के 2 पुलिसकर्मी अनवर और नवाज शरीफ शामिल है. दोनों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया है जबकि मुख्य सरगना यूनुस, गब्बर सहित अन्य पुलिस रिमांड पर है.
जहरीली शराब कांड में महाकाल थाने के दो सिपाही इंद्र विक्रम सिंह और सुदेश खोड़े भी लिप्त पाए गए हैं. उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है. अभी इंद्र विक्रम और सुदेश फरार बताए जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि जहरीली शराब का गोरखधंधा करने वाले आरोपियों के साथ पुलिसकर्मियों की साझेदारी थी. वे मुनाफे की रकम का बंटवारा करते थे.
दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद गंभीर धाराओं में अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. इसी मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी गठित की है. एसआईटी की रिपोर्ट के बाद उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह, एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी को हटा दिया गया है जबकि सिटी एसपी रजनीश कश्यप का निलंबित कर दिया गया है.
सरकारी तंत्र का अवैध कारोबार
उज्जैन ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार यह देखने में आया है कि सरकारी तंत्र जहरीली शराब के मामले में लिप्त दिखाई दिया. एक तरफ जहां पुलिसकर्मी इस अवैध कारोबार में लिप्त पाए गए, वहीं उज्जैन नगर निगम के कर्मचारी सिकंदर, यूनुस भी संलिप्त रहे. दोनों को भी नगर निगम ने बर्खास्त कर दिया है. इस मामले में सहायक आयुक्त सुबोध जैन को भी निलंबित किया गया है. आरोपियों द्वारा जिस भवन में झिंझर तैयार की जाती थी वह भी नगर निगम का सरकारी भवन है.
अभी और भी बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
उज्जैन के प्रभारी एसपी अमरेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक जहरीली शराब के मामले में अभी और भी जांच चल रही है. इस मामले में मेडिकल स्टोर संचालक, डॉक्टर सहित अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. प्रभारी एसपी के मुताबिक अभी आरोपियों की संख्या और भी बढ़ सकती है.
कैसे तैयार होती थी जहरीली शराब?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जहरीली शराब तैयार करने के लिए आरोपियों द्वारा स्प्रिट का उपयोग किया जाता था. स्प्रिट में यूरिया, मेंटेक्स की नशीली गोली और पानी मिलाकर एक घोल तैयार होता था. जिसे प्लास्टिक की थैली में भरकर ₹10 से लेकर ₹20 तक गरीब मजदूरों को नशा करने के लिए बेचा जाता था. घटना वाले दिन केमिकल और नशीले पदार्थों का सही मिश्रण नहीं मिलने की वजह से नशा देने वाला लिक्विड मौत की नींद सुलाने वाला जहर बन गया.
पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करेगा विभाग
उज्जैन के पूर्व पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, जिन पुलिसकर्मियों की जहरीली शराब के मामले में लिप्तता पाई गई है, उनके खिलाफ अपराधिक मामला तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन विभाग द्वारा उन्हें बर्खास्तगी की कार्रवाई भी कर दी गई है. जहरीली शराब कांड में खाराकुआ थाने के सहायक उप निरीक्षक रामसेवक गोपाल सिंह सहित तीन और को निलंबित किया गया है. इस थाने के टीआई मनोहर मीणा, उप निरीक्षक निरंजन शर्मा पहले ही निलंबित हो चुके है.