लखनऊ: कानपुर एनकाउंटर का मास्टरमाइंड विकास दुबे पकड़ा गया, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर वह उज्जैन के मंदिर तक पहुंचा कैसे और कैसे उसकी गिरफ्तारी हुई. अब इसको लेकर उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने बयान दिया है.


उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि फूल की दुकान चलाने वाले शख्स ने सबसे पहले विकास दुबे को देखा था. दरअसल आज विकास दुबे महाकाल के मंदिर पहुंचा और वहीं एक दुकान से प्रसाद और फूल खरीदा. उस दुकानदार ने उसे टीवी पर देखा था तो पहचान लिया. उसने मंदिर के सिक्योरिटी एजेंसी को जानकारी दी. दुबे के पास 250 रुपये की टिकट दर्शन के लिए भी थी.''





उन्होंने आगे कहा,'' विकास दुबे को पकड़ने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती गई. हमने यूपी पुलिस से तथ्यों को कन्फर्म करने के बाद उसे गिरफ्तार किया. पूरी प्रकिया पारदर्शी थी.''


उज्जैन के एसपी ने आगे कहा,'' विकास दुबे मामले की हम और जांच कर रहे हैं. उसके खिलाफ उज्जैन में कोई केस दर्ज नहीं है, इसलिए कानपुर एसएसपी के आग्रह पर यूपी एसटीएफ को सौंपा गया.''


बता दें कि शुरुआती पूछताछ के बाद अब यूपी पुलिस विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से यूपी ला रही है. जहां उसे कोर्ट में पेश करेगी. उसने कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई को सीओ देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी. दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्र की बेटी ने घर में रखे उनके दस्तावेजों में से एक पत्र निकालकर मीडिया को दिया, जिसमें सीओ ने तत्कालीन एसएसपी को भेजी गई रिपोर्ट में साफ-साफ कहा था कि एसओ विनय तिवारी अपराधी विकास दुबे की गोद में खेल रहा है.


बुधवार को मुठभेड़ के समय पुलिस की जान जोखिम में डालने के आरोप में थाना प्रभारी विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर के लिए मुखबिरी करने के आरोप में हलका प्रभारी के.के. शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया.