भोपाल: कुख्यात अपराधी विकास दुबे को लेकर उज्जैन पुलिस की तफतीश तकरीबन खत्म हो गयी है. दो दिन की पड़ताल के बाद विकास दुबे के उज्जैन आने से लेकर पकड़े जाने तक का पूरा घटनाक्रम सामने आ गया है. एसपी मनोज कुमार सिंह की दी गयी जानकारी के मुताबिक विकास दुबे गुरूवार तड़के तीन पचपन पर बाबू बस सर्विस की झालावाड से आने वाली बस से उज्जैन के नानाखेड़ा बस स्टेंड उतरा और बंटी के आटो में बैठ गया. आटो में आने के बाद उसने बंटी से पचास रूपये में भाड़ा तय किया और रात में तीन होटल देखी, वो यहां पर तीन चार दिन रूकना चाहता था. मगर ये होटल या तो बंद रहीं या होटल वालों ने उससे आधार कार्ड मांगा मगर उसके पास आधार कार्ड नहीं था. इसलिये होटल में उसे कमरा नहीं मिला तो विकास बंटी के आटो से वो सीधे राम घाट आ गया और स्नान कर मंदिर पहुंचा जहां उसे पहचान लिया गया.


अकेला उज्जैन आया था विकास दुबे


एसपी ने बताया कि शुरूआती पूछताछ में विकास दुबे गुमराह करता रहा. वह उज्जैन में अपने पहचान के कुछ लोगों के नाम बताता रहा था, लेकिन जब हमने उन तमाम लोगों से पूछताछ की तो कोई संपर्क नहीं मिला. इसके बाद बस से आने जाने आटो में बैठने से लेकर मंदिर तक का फुटैज पुलिस ने खंगाला तो सारी बातें साफ हो गयीं.


बस से उतर कर आटो में होटल और फिर घाट तक ले जाने वाले बंटी से पूछताछ में पता लगा कि उसका कोई मूवमेंट शहर में नहीं हुआ. इन सारी बातों की जानकारी उज्जैन पुलिस ने यूपी एसटीएफ को दे दी है. एसटीएफ की कोई टीम उज्जैन में अब नहीं है. इन दो दिनों में अनेक लोगों से पूछताछ की गयी ओर कई फोनों की सीडीआर निकाल कर तफतीश की गयी. सारी बातों से साफ है कि विकास भटकते हुए उज्जैन आया था कहीं उसे पनाह नहीं मिल रही थी और वो अकेला ही आया था.


बंटी ने भी बताया की वो तीन होटल में गया रात रुकने मगर होटल वालों ने उसे बिना आधार कार्ड के कमरा नहीं दिया तो वो फिर घाट आकर नहाने चला गया और फिर मंदिर गया, जहां उसे पहचान कर पकड़ लिया गया.


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