UK Visa New Rule: ब्रिटेन ने अपने देश में अप्रवासियों की संख्या को कंट्रोल करने के लिए एक नई योजना बनाई है. ब्रिटेन सरकार ने गुरुवार (11 अप्रैल) से अपने देश पर रहने वाले अप्रवासियों के लिए एक फिक्सड इनकम तय किया है. ब्रिटेन में रिकॉर्ड स्तर पर अप्रवासियों की संख्या को देखते प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने यह फैसला लिया है. वहां के अगले चुनाव में यह मुद्दा उठ सकता है.


ब्रिटेन की सरकार ने नया सालाना इनकम किया तय


ब्रिटेन की सरकार की ओर से अप्रवासियों के लिए न्यूनतम सालाना इनकम 18, 600 यूके पाउंड (लगभग 19 लाख 33 हजार) से 38,700 यूके पाउंड (लगभग 40 लाख 22 हजार रुपया) तय कर दिया गया है. ब्रिटेन में पढ़ाई और काम को लेकर वीजा पाने वालों में बहुत संख्या में भारतीय लोग भी शामिल हैं. अब इस बदलाव के कारण उन पर भी इसका प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है.


नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन (एनआईएसएयू) यूके की संस्थापक और अध्यक्ष सोनम अरोड़ा ने कहा के अनुसार भारतीय छात्रों को सबसे ज्यादा ग्रजुएट वीजा की जरूरत पड़ती है. जनवरी 2024 से छात्र वीजा पर किसी भी रिश्तेदार या पहचान के लोगों को ब्रिटेन नहीं ले जाने का नियम बना है.


ग्रेजुएट वीजा की समीक्षा


माइग्रेशन एडवाइजरी कमेटी (एमएसी) को ग्रेजुएट वीजा की समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ग्रेजुएशन होने के बाद रोजगार खोजने के लिए 2 साल तक ब्रिटेन में रहने की अनुमति देता है.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में 3 लाख से अधिक भारतीयों ने ब्रिटेन में काम को लेकर वीजा के लिए अप्लाई किया था. यह संख्या साल 2022 की तुलना में 61 फीददी अधिक थी. इस दौरान 1.2 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के स्टूडेंट्स वीज मिला जो ब्रिटेन में पढ़ रहे सभी विदेशी स्टूडेंट्स का 11.6 फीसदी है. 


एनआईएसएयू की अध्यक्ष सोनम अरोड़ा ने ग्रेजुएट रूट वीजा को स्थगित किए जाने के खतरे पर, सुश्री अरोड़ा ने कहा, "ग्रेजुएट रूट वीजा के बिना यूनिवर्सिटी की फाइनेंशियल स्थिति चरमरा सकती है. इसका प्रभाव न केवल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर पड़ेगा, बल्कि ब्रिटेन के छात्रों पर भी पड़ेगा."


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