Rishi Sunak On Khalistan: ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों पर भारत में बढ़ती चिंताओं पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने बुधवार (6 सितंबर) को कहा कि खालिस्तान समर्थक कट्टरवाद से निपटने के लिए ब्रिटेन भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सुनक ने कहा कि ब्रिटेन में कट्टरवाद का कोई भी रूप स्वीकार्य नहीं है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि 2023 भारत के लिए बड़ा साल है. भारत को इस तरह का वैश्विक नेतृत्व दिखाते हुए देखना अद्भुत है. 


ऋषि सुनक ने और क्या कहा?


उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से मेरी मुलाकात में वैश्विक चुनौतियों के बारे में और इनसे निपटने में ब्रिटेन और भारत की बड़ी भूमिका के बारे में बात करने का अवसर मिलेगा. मेरे प्रधानमंत्री बनने पर भारतीय लोगों की प्रतिक्रिया जबरदस्त और विनम्र थी. ब्रिटेन-भारत संबंधों को जो चीज वास्तव में अद्वितीय बनाती है, वह हमारे देशों के बीच लिविंग ब्रिज है, जिसमें ब्रिटेन में 16 लाख प्रवासी भारतीय शामिल हैं.


"भारत से अपने संबंधों पर बेहद गर्व"


ऋषि सुनक ने कहा कि मुझे अपनी भारतीय जड़ों और भारत से अपने संबंधों पर बेहद गर्व है. मेरी पत्नी भारतीय हैं और एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मेरा भारत और भारत के लोगों से हमेशा जुड़ाव रहेगा. मुझे अपने सास-ससुर और उनकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है. उन्होंने शून्य से दुनिया की सबसे सम्मानित कंपनियों में से एक बनने तक का सफर तय किया है. 


"जी20 की अध्यक्षता के लिए भारत सही देश"


जी20 समिट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पैमाने, विविधता और असाधारण सफलताओं का मतलब है कि ये जी20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर सही देश है. यूके निश्चित रूप से एक सफल जी20 शिखर सम्मेलन को प्राप्त करने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए यहां है. 


"भारत के साथ मिलकर काम करेंगे"


ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि दुनिया के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए हम जी20 की अध्यक्षता के माध्यम से भारत के साथ मिलकर काम करेंगे. भारत पहले से ही 10 वर्षों के भीतर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, यही कारण है कि भारत इतना महत्वपूर्ण भागीदार है. 


प्रस्तावित एफटीए पर ऋषि सुनक ने कहा कि एक मॉडर्न, दूरदर्शी एफटीए हमें 2030 तक यूके-भारत व्यापार को दोगुना करने की हमारी साझा महत्वाकांक्षा के रास्ते पर मजबूती से खड़ा कर सकता है. व्यापार समझौते से भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच हासिल करने में मदद मिल सकती है, जिसमें भारत के 48 मिलियन छोटे, मध्यम उद्यम भी शामिल हैं. 


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