चंडीगढ़: PGIMER के भेजे गए 70 फीसदी सैंपल में पाया गया कोविड-19 का यूके वैरिएंट
पीजीआईएमईआर ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को भेजे गए 60 नमूनों में से 70 प्रतिशत में कोविड-19 का ब्रिटिश स्वरूप पाया गया.
पीजीआईएमईआर ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को भेजे गए 60 नमूनों में से 70 प्रतिशत में कोविड-19 का ब्रिटिश स्वरूप पाया गया. पीजी चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (पीजीआईएमईआर) के निदेशक जगत राम ने यहां एक बयान में कहा, "कोविड-19 के सत्तर प्रतिशत सैंपल में ब्रिटिश स्वरूप पाए गए और 20 प्रतिशत सैंपल में 681 एच प्रकार के वायरस पाए गए." उन्होंने कहा कि अधिकांश सैंपल चंडीगढ़ के थे.
उन्होंने कहा कि पीजीआईएमईआर के विषाणु विज्ञान विभाग ने मार्च में नई दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को कोविड-19 के 60 संक्रमित पाए गए सैंपल भेजे थे. निदेशक ने भीड़-भाड़ वाले स्थानों और गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी. उन्होंने प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार टीकाकरण किया जाएगा.
दिल्ली में ब्रिटेन के भी वैरिएंट
दिल्ली में ब्रिटेन वेरिएंट और डबल म्यूटेंट भी पाया गया है. दिल्ली से मिली जुली स्थिति पंजाब में है. राज्य में 80 फीसदी यूके वेरिएंट पाया गया है. मुंबई में डबल म्यूटेंट नहीं है महाराष्ट्र में करीब 60 फीसदी है. 18-19 राज्य में यूके वेरिएंट मिला है, यह पता लगाया जा रहा है कि प्रीलिमिनरी इन्फेक्शन, री इन्फेक्शन में इनकी भूमिका है या नहीं. सिवेरिटी में भूमिका है या नही, डेथ में है या नहीं और वैक्सीन पर क्या असर होगा.
तेजी से फैलता है नए स्ट्रेन का वायरस
नई रिसर्च के मुताबिक, केन्ट वेरिएन्ट या ब्रिटिश वेरिएन्ट B.1.1.7 ज्यादा जल्दी और तेजी से अन्य वेरिएन्ट्स के मुकाबले फैलता है. एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने एक इंटरव्यू में कहा था, "हमने देखा है कि एक मरीज इस बार ज्यादा लोगों को प्रभावित करने में सक्षम है. इससे पूर्व के उछाल मे एक मरीज बीमारी को अपने संपर्क में 30-40 फीसद तक फैला सकता था, मगर इस बार, पाया गया है कि 80-90 फीसद लोग जो उसके संपर्क में आते हैं, कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं."
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