यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की टेलीफोन पर बातचीत के बाद जानें मॉस्को ने क्या कहा
यूक्रेन के नई दिल्ली स्थित राजदूत की तरफ से मोदी सरकार से दखल की मांग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार को फोन पर बात की.
Ukraine-Russia War Crisis: यूक्रेन के आसमान में रूस की तरफ से लगातार आग के गोले बरसाए जा रहे हैं. वहां के लोग लगातार देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं. युद्ध से गहराते संकट के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति की तरफ से यह कहा जा रहा है कि वे अकेले इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. उन्होंने मॉस्को से बातचीत जल्द से जल्द करने को कहा. इधर, यूक्रेन के नई दिल्ली स्थित राजदूत की तरफ से मोदी सरकार से दखल की मांग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार को फोन पर बात की.
इसके एक दिन बार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी से चर्चा के दौरान यूक्रेन की स्थिति, कीव का डोनबास में लोगों के खिलाफ आक्रमणकारी रवैया, मिंस्क समझौते के खिलाफ लंबे समय से उसे बर्बाद करने की नीति पर बात हुई. इस दौरान यह बताया गया कि कैसे अमेरिका और NATO के सहयोगियों ने यूक्रेन में अपनी मौजूदगी बढ़ाई, जो रूस को अस्वीकार्य है. इसके बाद विशेष सैन्य ऑपरेशन का फैसला लिया गया. पुतिन ने ट्वीट में आगे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने इस जवाब की सराहना की और यूक्रेन में वर्तमान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से कहा गया है कि जरूरी निर्देश दिए जाएंगे. इसके साथ ही, इस बात पर भी सहमति बनी की कई स्तरों पर संपर्क जारी रहेगा.
Telephone conversation with Prime Minister of India Narendra Modi https://t.co/CwOnpgtI3F
— President of Russia (@KremlinRussia_E) February 25, 2022
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान ‘‘अपने दीर्घकालिक दृढ़ विश्वास’’ को दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ ‘‘ईमानदार और गंभीर वार्ता’’ से ही सुलझाया जा सकता है.
पीएमओ के अनुसार, इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया. इसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.’’ यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है. साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा.
पोलिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं, जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर सकती है. पुतिन से बातचीत से पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की और इसमें भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया.
इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए. आधिकारिक सूत्रों की ओर से जारी एक वीडियो के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी भी इस बैठक में शामिल हुए. हालांकि गोयल और पुरी सीसीएस के सदस्य नहीं हैं. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा सहित कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे.
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