यूक्रेन और रूस के बीच आज लगातार 20वें दिन जंग जारी है. इस बीच यूक्रेन से भारतीयों की वापसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बयान दिया है. एस जयशंकर ने कहा कि मुश्किल हालातों में भी हम अपने 22500 से अधिक छात्रों को भारत वापस लाए हैं. हम लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा कर रहे थे लेकिन हमारे सामने चुनौती यह थी कि हमारे नागरिकों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके.
उन्होंने कहा, ''इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की. यह मुश्किल हालातों में अंजाम दिया जाने वाला एक बड़ा ऑपरेशन था.''
एस जयशंकर ने कहा, ''भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी, 20 और 22 फरवरी को एडवाइजरी जारी करके छात्रों और भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकलने के लिए कहा था. लगातार जारी हो रही एडवाइजरी के बाद भी बड़ी संख्या में छात्र वहां से नहीं निकल रहे थे. उनको डर यह था कि उनकी पढ़ाई अधूरी ना रह जाए.''
उन्होंने कहा, ''जब हालात खराब हुए तो वहां पर 18000 से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हुए थे इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सहित यूक्रेन एंबेसी में भी कॉल सेंटर स्थापित किए गए. माहौल खराब होने के चलते अरे स्पेस बंद हो गया था लिहाजा छात्रों को लूकेंस एचक्यू ही पड़ोसी देशों की सीमा से निकालने का फैसला किया गया और इसके लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को पड़ोसी देशों की सीमाओं पर भेजा गया.''
जयशंकर ने कहा कि इस दौरान यह ऑपरेशन चल रहा था प्रधानमंत्री लगातार इसको लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे और निगरानी कर रहे थे। इस दौरान सभी मंत्रालयों का भी पूरा सपोर्ट मिला. जैसे ही वहां हालात खराब होने शुरू हुए थे जनवरी 2022 से ही भारतीय उच्चायोग ने वहां पर भारतीयों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया था.
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