रूस और यूक्रेन के बीच जंग को तीन हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं. 24 फरवरी को इस युद्ध की शुरुआत हुई थी. जंग के शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए मुहिम छेड़ दी. ऑपरेशन गंगा के नाम से अभियान चलाया गया. सरकार के मुताबिक, देश के 22 हजार 500 से ज्यादा नागरिकों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है. 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमारे देश के 22,500 से ज़्यादा नागरिक (यूक्रेन से) निकाले जा चुके हैं, अभी वहां 15-20 लोग ऐसे हैं जो निकलना चाहते हैं और बाकी लोग नहीं निकलना चाहते, जितना संभव हो सके हम उतनी सहायता दे रहे हैं. 


इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में जानकारी दी थी कि 15, 20 और 22 फरवरी को भारतीय दूतावास की ओर से एडवाइजरी जारी करके भारतीय नागरिकों और छात्रों को यूक्रेन से निकलने के लिए कहा था. लगातार मिल रही एडवाइजरी के बाद भी बड़ी संख्या में छात्र वहां से नहीं निकल रहे थे. 






विदेश मंत्री ने बताया कि जब यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ तो उस वक्त 18 हजार से अधिक छात्र वहां फंसे हुए थे, एयर स्पेस बंद हो चुका था. ऐसे में सरकार के सामने चुनौतियां गंभीर थी, लेकिन इनके बावजूद भी अपने लोगों को निकालने के लिए हमने पड़ोसी देशों की सीमा का इस्तेमाल किया. 


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