यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 11वां दिन है. यूक्रेन पर रूस के हमले अभी भी लगातार जारी हैं. ऐसे में वहां पर कई भारतीय फंसे हुये थे. उनको रेस्क्यू करने के लिये भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया हुआ है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिये केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कई मंत्री भी भेजे हुये हैं.
बीती रात शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे छात्रों को लेकर एक फ़्लाइट आई जिसमें लगभग 200 से ज़्यादा छात्र सवार थे. बात करने पर उन्होने कीव के भयानक मंजर के बारे में बताया कि कैसे वहां पर पूरा शहर तबाह कर दिया गया और उनके पास खाने पीने का सामान भी ख़त्म हो गया था. लेकिन भारतीय दूतावास की वजह से हम जिंदा वापस आ गए.
अपने बच्चों का एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे थे परिजन
कीव से लौटे स्टूडेंट्स के परिजन कई कई घंटो से एयरपोर्ट पर अपने लाडलों का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने अपने बच्चों को देखते ही गले से लगा लिया. उनके परिवार वाले फूल, माला और तिरंगा साथ लेकर एयरपोर्ट पर अपने बच्चों को लेने पहुंचे थे.
उन बच्चों को देखते ही पूरा एयरपोर्ट भारत माता के नारों से गूंज उठा और वहां मिठाइयां बंटने लगी. परिवार को देखते ही बच्चे गले से लग कर रोने लगे. वहां पर बेहद भावुक माहौल था. युद्ध के माहौल में सबसे बुरे हालात कीव के पास थे. युद्ध की भयानक तस्वीर कीव से ही सामने आ रही है.
बेटी को सुरक्षित देखकर हूं बहुत ज्यादा खुश
यूक्रेन से लौटी एक लड़की हर्षिता की मां ने कहा कि मैं अपनी बेटी को सुरक्षित वापस लौटा देखपर बहुत ज्यादा खुश हूं. पहले बहुत डर लग रहा था पर अब सब ठीक है. भारत सरकार की वजह से वहां से मेरी बेटी वापस लौट पाई है. भारत सरकार का शुक्रिया. वहां जो मंत्री हैं उनका शुक्रिया.
हर्षिता ने बताया कि सरकार ने बहुत ज़्यादा मदद की है. खाना पानी से लेकर हर जरूरत की चीज उपलब्ध कराई और कहीं कोई कमी नहीं होने दी. कीव से लौटे स्टूडेंट्स से बात करने पर पता चला वहां हालत कितने खराब हैं. स्टूडेंट्स कई कई दिनों से बिना खाना-पानी के बंकर में रह रहे थे.
यूक्रेन से जिंदा वापस आने की नहीं थी कोई उम्मीद
यह उम्मीद नहीं थी कि वह जिंदा वापिस आ पाएंगे पर भारत सरकार की वजह से वापस आ गए. उन छात्रों से बातचीत करने पर पता चला कि कैसे वहाँ पर पूरा शहर तबाह हो गया है. वहां पर खाने पीने का सामान खत्म हो गया है और छात्रों के साथ रंग भेद किया जा रहा था. वह हमें काला बोलकर ट्रेन में नहीं चढ़ने दे रहे थे. लेकिन बॉर्डर पर पहुंचने के बाद भारत सरकार ने उनकी काफी मदद की.
इसी फ्लाइट से लौटीं उमरजहां और कमरजहां दोनों बहनें हैं और वह खारकीव से भारत वापस आई हैं. उन्होंने बताया कि वहां हालात कितने खराब हैं. लोग एक वक्त का खाना खाते हैं. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनके सामने कभी ऐसा मंजर आयेगा.
खारकीव से लौटे अनुराग ने बताया कि फिल्मों में जैसे सीन होते हैं उन्होंने ऐसे मंजर अपनी आंखो से देखें हैं. उनको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वह भारत वापस जिंदा लौट पायेंगे पर उन्होंने भारत सरकार को ऑपरेशन गंगा चलाने के लिये शुक्रिया किया.