खारकीव से निकल कर पसोचिन पहुंचे और सूमी में मौजूद बच्चों की स्थिति चिंताजनक है. यह बच्चे बहुत परेशान हैं कि कैसे रूस से लगे उस बॉर्डर तक जाएंगे जहां उनकी सुरक्षित निकासी के लिए बसों का इंतजाम किया गया है. सूमी में जहां 700 से अधिक भारतीय छात्र हैं वहां भी बीती रात काफी बमबारी हुई है. खाने पीने के समान और दवाओं को इकट्ठा करने में काफी दिक्कत आ रही है.
साथ ही खारकीव में भी बमबारी का सिलसिला जारी है. ऐसे में पसोचिन में फंसे बच्चे ना तो ट्रेन पकड़ने के लिए खारकीव जा सकते हैं और ना ही रूस सीमा की तरफ जा पा रहे हैं. छोटे से पसोचिन में भारतीय स्टूडेंट्स के सामने खाने पीने की भी बड़ी मुश्किल पेश आ रही है.
एक छात्र ने हमें बताया कि किस तरह कल केवल ब्रेड के कुछ टुकड़े और अचार के सहारे दिन गुजारना पड़ा. ऐसे में कई स्टूडेंट वापस पैदल खारकीव जाने पर भी विचार कर रहे हैं ताकि वहां से वह ट्रेन ले सकें. हालांकि इसमें काफी खतरा है. क्योंकि रास्ते में एक यूक्रेनी बेस पड़ता है जहां रूसी बमबारी हो रही है.
गौरतलब है कि आज यूक्रेन में युद्ध का 10वां दिन है. पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) के कई शहरों में लगातार बमबारी जारी है. सुमी और खारकीव में इस वीडियो से ये पुष्टि होती है कि यहां अभी भी छात्रों को निकाला नहीं जा सका है. हालांकि भारत सरकार का कहना है कि वह उनको रेस्क्यू करने की लगातार कोशिश कर रही है.
भारत सरकार कर रही है कोशिश
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार शनिवार को यानि आज भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) अपनी चार उड़ाने संचालित करेगी. इन चार उड़ानों के साथ ही 11 नागरिक उड़ानों का भी परिचालन किया जाएगा. हालांकि छात्रों के सामने बड़ी समस्या बमबारी वाले क्षेत्रों से निकलकर यूक्रेन की सीमा से लगे देशों में पहुंचना ही है क्योंकि यहां पर ट्रांसपोर्ट के सारे साधन बंद हैं.
रूस ने लगाया यूक्रेन पर भारतीयों को बंधक बनाने का आरोप
वहीं जहां भारत एक तरफ भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये लगातार काम कर रहा है वहीं रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने विभिन्न शहरों में 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को जबरन बंधक बनाकर रखा है. रूस ने कहा कि उसकी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.