Uma Bharti News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता उमा भारती मध्य प्रदेश में अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. मंगलवार को उन्होंने कहा कि वो अब अपनी मांग के समर्थन में 'मधुशाला में गौशाला' अभियान शुरू करेंगी, जिसके तहत वह विशेष रूप से मंदिर एवं विद्यालयों के आसपास वाली मधुशालाओं को गौशालाओं में बदलेंगी. उमा भारती ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के पीछे शराब एक कारण है.
इससे पहले, उमा भारती आबकारी नीति में बदलाव की मांग को लेकर पूर्व शनिवार को मंदिर में बैठ गई थी. उम्मीद की जा रही थी कि राज्य सरकार 31 जनवरी को मंगलवार सुबह कैबिनेट की बैठक करेगी और 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति की घोषणा करेगी. हालांकि, कैबिनेट मीटिंग को स्थगित कर दिया है. वहीं अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर उमा भारती अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रही हैं?
क्या है उमा भारती के प्रदर्शन की इनसाइड स्टोरी?
दरअसल, इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. उमा भारती लोधी जाति से आती हैं और लोधी जाति का बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में खासा प्रभाव माना जाता है. वो पहले मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी है. सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि उमा भारती एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी में जुटी हैं. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था.
सीएम उम्मीदवार की रेस में उमा भारती?
240 सदस्यीय विधानसभा में करीब 50 ऐसी सीटें हैं जिसपर लोधी समाज का दबदबा है. इन सीटों पर लोधी वोटर ही उम्मीदवार को जिताने और हराने की ताकत रखते हैं. वहीं दूसरी ओर ये भी माना जा रहा है कि उमा भारती भी इस बार मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. उनके तेवर शिवराज सरकार को साफ संदेश दे रहे हैं कि वो सत्ता की हिस्सेदारी में लोधी बिरादरी की उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेंगी.
'राजनीति के बंधन से आप आजाद हैं'
बीते दिनों उन्होंने लोधी समाज के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी और कहा था कि मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी और लोगों से वोट भी मांगूंगी, लेकिन मैं कभी नहीं कहती कि लोधियों, तुम बीजेपी को वोट करो. मैं तो सबको कहती हूं कि तुम बीजेपी को वोट करो, क्योंकि मैं तो पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं, पर मैं आप से नहीं कहती कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही रहो. आपको अपने हित देखना है. हम प्यार के बंधन में बंधे हैं, लेकिन राजनीति के बंधन से आप आजाद हैं."
'आप खुद तय करें आपको किसे वोट देना है'
उमा भारती ने ये तक कहा कि मैं पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगूंगी, लेकिन आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है, जिसने आपका मान रखा हो. उन्होंने आगे कहा, "मेरा भाषण सुनने के बाद भी आपको तय करना है कि आपको वोट देना है या नहीं. मैं आपको कई बार इस बंधन से मुक्त कर चुकी हूं कि मेरा फोटो देखकर, भाषण सुनकर वोट नहीं दें."
ये भी पढ़ें- भारत-अमेरिका संबंधों की नई पहल, दोनों देशों के बीच बनेगा मजबूत इनोवेशन इकोसिस्टम, AI सेक्टर पर विशेष फोकस