Uma Bharti Rebelles Against BJP: मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अब तीन महीने से भी कम समय का वक्त बचा है लेकिन उमा भारती के बीजेपी और शिवराज सरकार को लेकर मत बदले हुए हैं. एमपी में निकाली जाने वाली जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाए जाने को लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, उन्होंने इसलिए नहीं बुलाया क्योंकि उनको डर होगा कि सारी लाइम लाइट मैं लेकर नहीं चली जाऊं'.


उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी से उम्र में छोटी हूं और मैं आने वाले 15-20 सालों तक सामाजिक जीवन में काम कर सकती हूं.' हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम ने अपनी ही पार्टी पर तीखे तीरे छोड़े हों वह ऐसा पहले भी करती आई हैं. 2005 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उनको बीजेपी से निष्कासित भी किया जा चुका है. 2011 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता फिर से ग्रहण की है. 


'बीजेपी कार्यकर्ता नहीं हैं राम और हनुमान'
दिसंबर 2022 में अपनी पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए उमा भारती ने जोर देकर कहा था कि भगवान राम और हनुमान बीजेपी कार्यकर्ता नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'देवता किसी जाति या धर्म से बंधे नहीं हैं. भगवान राम और हनुमान पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं. भगवान राम और हनुमान जनसंघ के अस्तित्व से पहले, मुगलों के अस्तित्व से पहले और अंग्रेजों के शासन से पहले भी मौजूद थे.


'सिर्फ मेरी जाति के हो इसलिए बीजेपी को वोट मत दो'
बीते दिनों उमा भारती का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कह रही थी कि अगर वह सिर्फ उनकी (उमा भारती) जाति के हैं तो महज इसलिए ही उनको बीजेपी को वोट नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, मेरी लोधी जाति के लोग अपनी राजनीतिक दल और विचारधारा चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं बीजेपी में इसलिए हूं क्योंकि इस विचार धारा से मुझे प्रेम है.'


मध्य प्रदेश की शराब नीति का विरोध, जेपी नड्डा को सौंपा पत्र
उमा भारती ने शराब की दुकानों को बंद करने का आंदोलन चला रखा है. जुलाई 2022 में उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में शराब नीति पर हस्तक्षेप की मांग की थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से लागू की गई शराब नीति पर चिंता व्यक्त करते हुए उमा भारती ने कहा कि वह कुछ महीनों से इसका विरोध कर रही थीं, लेकिन उन्हें 'घुटन' महसूस होने लगी थी.


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