गंगा की सफाई पर बोलीं उमा, ‘2018 तक शुरू नहीं हुई योजना तो करूंगी आमरण अनशन’
अविरल गंगा के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने नामामि गंगे योजना शुरू की थी. जिसके तहत जून 2014 में 20 हजार करोड़ का बजट पास किया गया था.
नई दिल्ली: गंगा की सफाई के लिए अब खुद बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जान जाने तक अनशन का ऐलान किया है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट से पूरे देश को गंगा के स्वच्छ और निर्मल होने की उम्मीद जगी थी. लेकिन तीन साल गुजर गए न गंगा साफ हुई और न साफ होने का कोई ठोस प्रयास दिख रहा है. हालांकि पहले गंगा साफ करने का जिम्मा उमा भारती को ही मिला था.
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उम्मीद जगी कि अविरल गंगा को लेकर केवल कागजों पर चल रहे भगीरथ प्रयास अब जमीन पर उतरेंगे. नामामि गंगे योजना की शुरुआत कर सरकार इस दिशा में संजीदा भी दिखाई दी. लेकिन तीन साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद जमीनी हकीकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार में मंत्री उमा भारती गंगा से जुड़ी योजनाएं जल्द से जल्द न शुरू होने पर आमरण अनशन की धमकी दे रही हैं.
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भरती ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘’मैं गंगा से जुड़ी योजना अक्तूबर 2018 तक लागू होते हुए देखना चाहती हूं. यदि ऐसा नहीं हुआ तो मैं प्रयाग में महाउपवास से महाप्रयाण पर बैठ जाऊंगी.’’
खास बात ये है कि इस दौरान गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी भी कार्यक्रम में मौजूद थे. पिछले कैबिनेट फेरबदल में उमा भारती से ही गंगा संरक्षण मंत्रालय लेकर नितिन गडकरी को सौंपा गया था. उस दौरान ये खबरें भी आई थीं कि गंगा से जुड़ी योजनाओं को लेकर मोदी उमा भारती के काम से संतुष्ट नहीं हैं.
बता दें कि अविरल गंगा के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने नामामि गंगे योजना शुरू की थी. जिसके तहत जून 2014 में 20 हजार करोड़ का बजट पास किया गया था. इस बड़े बजट के बावजूद गंगा सफाई पर कोई बड़ा नतीजा नजर नहीं आ रहा है. अब उमा भारती ने आमरण अनशन की धमकी देकर इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेर लिया है.