नई दिल्ली: बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक 30 से भी ज्यादा ट्वीट किए. इस दौरान उन्होंने गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को बहाल करने से लेकर 2024 में अपने चुनाव लड़ने तक की इच्छा ज़ाहिर की. उन्होंने साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि पीएम मोदी दुनिया के अलौकिक नेता हैं, उन्हें यह शक्ति ईश्वर ने प्रदान की है. उन्होंने कहा कि वह लंबे समय तक देश को संभालते रहें और हिमालय और गंगा उनके ध्यान में बनी रहें, ऐसी प्रार्थना मैं आज गंगा सप्तमी पर गंगा जी से कर रही हूं.


उमा भारती ने किए ये ट्वीट


 







1. आज गंगा सप्तमी है. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया को गंगा गंगोत्री पहुंची एवं सप्तमी को धरती की ओर बढ़ी.


2. संयोग से मैं आज गंगा किनारे ही हूं तथा 2011 अक्षय तृतीया के दिन से आज तक के घटनाक्रम का स्मरण कर रही हूं.


3. जब से कोरोना का संकट आया है तब से पूरे देश एवं दुनिया में ऑक्सीजन प्लांट के प्रोजेक्ट, ऑक्सीजन के गैस सिलेंडरों की जरूरत और ऑक्सीजन पैदा करने वाले पेड़ों के रोपण का एक सर्वत्र व्यापक अभियान चल पड़ा है.


4. कोरोना के भारी संकट में फंस जाने के बाद चीजों के लिए हमारा ध्यान तब गया जब भारत में हमने अपने हाथों से हिमालय, गंगा व उसकी सहयोगी नदियों की अपूर्णनीय क्षति पहुंचाई क्योंकि वही हमारे देश का सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट थे. पर्यावरणविदों ने इसे अंग्रेजी में 'इ रिवर्सेबल लॉस' कहा है.


5. गंगा पर मेरी आस्था से संबंधित कुछ तथ्य मैं छुपाए रहूंगी क्योंकि वह गंगा से संबंधित मेरा बहुत ही निजी अनुभव है.


6.A. 2010 मार्च में मैं गंगोत्री पहुंची, पट बंद थे लेकिन रोड खुला हुआ था, सन्नाटा था. एक-दो संत मुझे वहां मिले और तब से गंगा ने मुझे अपनी गिरफ्त में ले लिया.


6.B. गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को बहाल करने के लिए मैं अपना जीवन न्यौछावर करने के लिए तैयार हो गई फिर तो उसके आगे का घटनाक्रम आप सबकी जानकारी में है.


7. गंगालीन हो गए स्वर्गीय श्री सानंद स्वामी जी एवं श्री अशोक जी सिंघल जी मेरे प्रेरणा बिंदु बने.


8. फिर मैं गंगोत्री से गंगासागर एवं वापस गंगासागर से गंगोत्री इसी क्रम में लगभग 3 साल तल्लीन रही.


9.A पर्यावरणविद, वैज्ञानिक, साधु-संत, उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी, उस समय के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री 
नितिन गडकरी जी, पर्यावरण मंत्री श्री जयराम रमेश जी सबसे मुलाकातों का दौर चला.


9.B द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जाकर गंगा जल चढ़ाया फिर लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सांसदों को गंगाजल भेंट किया गया.


10.  इसी बीच मैं भाजपा में आ चुकी थी तथा नितिन गडकरी जी की जगह राजनाथ जी भाजपा के अध्यक्ष हो चुके थे. मोदी जी हमारे नेता घोषित हो चुके थे. भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में जब मैं गंगा की अविरलता एवं निर्मलता से संबंधित प्रस्ताव लायी तब सभी नेताओं ने भरपूर समर्थन किया.


11. मैं एक ही दिशा में काम कर रही थी कि गंगा के लिए एक्ट आ जाये. उस एक्ट के अंतर्गत एक सर्वाधिकार संपन्न अथॉरिटी बने जो कि गंगा की अविरलता और निर्मलता को निर्विघ्न संपन्न करावे. मैंने गंगा के मंत्री रहते हुए ऐसे एक्ट की तैयारी कर ली थी, अब मा. प्रधानमंत्री जी इस पर पहल कर सकते हैं.


12.A मुझे तो दोनों सदनों के सभी सांसद, सभी पार्टियों के नेताओं ने यह आश्वासन दिया कि जब भी ऐसा प्रस्ताव सदन में आएगा हम इसे निर्विरोध पारित करवाएंगे.


12.B  वह मेरे जीवन का सर्वाधिक आनंदमय दौर था एवं प्रयाग का कुंभ समाप्त होते ही 2013 मार्च से मैं गंगा की पदयात्रा की तैयारी कर रही थी ताकि हमारे गंगा अभियान का ठोस धरातल तैयार हो जाए.


13. इसी बीच में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का दौर शुरू हो गया. मैं लोकसभा का चुनाव लड़ी, मोदी जी को पूर्ण बहुमत मिला, मैं कैबिनेट मिनिस्टर बनी तथा मुझे गंगा का मंत्रालय मिला.


14. मेरे मंत्रालय में रिवर लिंकिंग तथा प्रधानमंत्री कृषि संचरण योजना भी थी किंतु आज मैं आप सबसे गंगा की बात करूंगी.


15. गंगा की जिम्मेवारी मिलते ही फिर तो मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी.


16. गंगा की अविरलता और गंगा की निर्मलता, गंगा के जीव-जंतु, गंगा के पेड़ पौधे, गंगा का केचमेंट एरिया, गंगा के रिवरफ्रंट, गंगा के घाट, गंगा का फ्लडप्लेन, गंगा से संबंधित हर समस्या के समाधान के रास्ते हमने खोजे. इस योजना में यमुना एवं सरस्वती तथा गंगा की अन्य सहयोगी नदियां भी शामिल थीं.


17.A गंगा से संबंधित मंत्रालयों के सचिवों के समूह, भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनी जिसमें कि पांचों राज्यों के चीफ सेक्रेटरी भी शामिल थे.


17.B शिक्षा मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, युवा मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, चिकित्सा मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वच्छता मंत्रालय, शिपिंग मंत्रालय, ऊर्जा एवं पेट्रोलियम रसायन मंत्रालय सबके साथ एमओयू साइन हुए.


18.A वाइल्ड लाइफ, एफ आर आई, जी एस आई, आई आई टी कंसोर्टियम, एसटीपी, ईटीपी के लिए गंगा के किनारे के पांचों राज्यों के विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री सबके साथ मिलकर एक कार्ययोजना बनी तथा इसमें श्री नितिन गडकरी जी एवं पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों का पूर्ण संरक्षण था.


18.B 2014 जून से 2016 जुलाई तक जैसे मेरे शरीर में रक्त नहीं गंगा प्रवाहित हो रही थीं. मुझे रात दिन चलते फिरते त्रिभुवन में सिर्फ गंगा दिखती थीं. जुलाई 2016 से अक्टूबर तक हमने सभी कार्य योजनाओं का शुभारंभ कर दिया.


19. बीस हजार करोड़ की फंडिंग की कार्ययोजना का शुभारंभ करने के बाद मुझे लगा कि अभी सबसे महत्वपूर्ण काम बाकी है. गंगा संत एवं समाज की तपस्या की धारा है तथा इन्हीं की जिम्मेवारी है गंगा को बचाए रखने की.


20. इसलिए मुझे लगा अब मुझे मंत्री का पद छोड़कर गंगा के दोनों तरफ एक वर्ष पैदल चलते हुए संतों एवं समाज से मिलना चाहिए ताकि गंगा के लिए बनी कार्ययोजना के लिए उनका भी संरक्षण प्राप्त हो.


21. मुझे प्रधानमंत्री जी एवं उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी से पद छोड़ने की सहमति नहीं मिली. दोनों की इच्छा थी कि मैं मंत्रिमंडल का हिस्सा बनी रहूं.


22.A कुछ बातों को कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि गंगा की अविरलता पर मेरी अन्य मंत्रालयों एवं उत्तराखंड की सरकार से एक राय नहीं हो पाई.


22.B मैं गंगा और हिमालय को पूरी तरह से बचा लेना चाहती थी उसको खंडित एवं छिन्न-भिन्न नहीं होने देना चाहती थी बस इतना ही कहूंगी. क्योंकि फिर मेरा मंत्रालय बदल गया, मंत्रालय नितिन गडकरी जी के पास चला गया.


23.A मैंने नितिन गडकरी जी के जैसा बड़ा दिल वाला इंसान राजनीति में नहीं देखा क्योंकि मेरा मंत्रालय भले उनके पास था किंतु गंगा से संबंधित हर बैठक में वह मुझे शामिल करते थे कई बार तो मुझे ही बैठक लेने के लिए कह दिया.


23.B वह मुझे गंगा से अलग नहीं होने दे रहे थे. इस अथक मेहनत का प्रभाव मेरे मन पर पड़ा मुझे लगा मुझे 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से बचना चाहिए.


24.A मेरी इच्छा थी कि मुझे भाजपा संगठन में जिम्मेवारी मिले. मैं स्वतंत्र चेतना के साथ गंगा किनारे एवं हिमालय में विचरण कर सकूं. मैं 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती हूं. इस बीच का समय मैं भाजपा संगठन, हिमालय एवं गंगा को देना चाहती हूं.


24.B मैं समाजसेवी नहीं हूं राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ हूं तथा गंगा को राष्ट्र की प्राण धारा मानती हूं. मोदी जी को अपना नेता मानती हूं इसलिए मैंने 2019 के लोकसभा चुनाव के अंतिम फेज तक पूरे देश में सभाएं की, चुनाव प्रचार में कड़ी मेहनत की.


25.A उस समय के हमारे अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री रामलाल जी ने मुझे एक सूची यह कहते हुए दी कि मेरे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की कुछ लोकसभा सीटें प्रभावित हो सकती हैं.


25.B मैंने उन्हें गारंटी दी कि इनमें से एक भी सीट भाजपा को नहीं हारने दूंगी. इसलिए मैंने उन विशेष सीटों पर खास मेहनत की और भगवान की दया रही कि भाजपा वह सारी सीटें जीती. इसके बाद भाजपा को मुझसे कोई शिकायत नहीं होना चाहिए.


26. नरेंद्र मोदी जी के बराबर तो कोई मेहनत नहीं कर सकता वह तो ऊर्जा, ज्ञान एवं तपस्या के अवतार हैं. उनकी सफलता की राह में मैं हर योगदान देना चाहती हूं और देती रहूंगी.


27.A गंगा एवं हिमालय के संबंध में बहुत सारी ऐसी बातें हैं जिन्हें सार्वजनिक नहीं कर रही किंतु इस विषय पर ठीक से एवं विस्तार से मैंने मोदी जी को अमित शाह जी को हमारे वर्तमान संगठन मंत्री बीएल संतोष जी को प्रमाण सहित समझाया है.


27.B मुझे किसी बात का भय नहीं है किंतु मैं गंगा का लाभ जिसमें होगा मैं वही करूंगी.  इसलिए कुछ बातें सबके सामने तथा कुछ बातें अकेले में. क्योंकि मुख्य लक्ष्य है गंगा का हित.


28. A इस एक वर्ष के बीच में कोरोना के संकट के कारण मेरी पदयात्रा नहीं हो सकी अब ऐसा लगता है कि अब हो ही नहीं पाएगी क्योंकि कोरोना का संकट और गहराता जा रहा है.


28.B मैं यथासंभव पीड़ित लोगों की मदद करती हूं किंतु पब्लिसिटी के लिए इसको उजागर नहीं करती हूं, आत्म संतुष्टि एवं सार्थकता के लिए करती हूं.


29.A आज गंगा सप्तमी है मेरा आज भी प्रधानमंत्री जी पर भरोसा है कि वह गंगा एवं हिमालय को बचा लेंगे. अभी इस एक वर्ष के बीच में भी दुष्टों ने हिमालय एवं गंगा को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.


29.B अभी भी दो हादसों में हिमालय में सैकड़ों जाने चली गई. कोरोना की हाहाकार में उनकी चीखें सुनाई नहीं दी.


30.A मोदी जी दुनिया के अलौकिक नेता हैं उन्हें यह शक्ति ईश्वर ने प्रदान की है फिर इस शक्ति के लायक उन्होंने अपने शरीर, मन, बुद्धि को बनाकर अपने स्वभाव में ढाला है.


30.B वह लंबे समय तक देश को संभालते रहें तथा हिमालय और गंगा उनके ध्यान में बनी रहें ऐसी प्रार्थना मैं आज गंगा सप्तमी पर गंगा जी से कर रही हूं.