Umar Khalid Interim Bail: दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को 7 दिनों की जमानत दी है. कोर्ट ने भले ही उमर को जमानत दे दी है लेकिन उनपर कुछ शर्ते लगाई हैं. कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को यूएपीए के मामले में गिरफ्तार किया गया था. यानी 28 दिसंबर को वह पूरे 1568 दिनों के बाद जेल से बाहर आएंगे. 


किन शर्तों पर मिली जमानत?


उमर खालिद को उनके एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए जमानत मिली है. कोर्ट ने उनसे 20 हजार रुपये का बॉन्ड भरने को कहा है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा है कि जमानत की अवधि के दौरान उमर खालिद अपने रिश्तेदारों और परिजनों के अलावा किसी से मुलाकात नहीं करेंगे. पूरी अवधि के दौरान वह या तो अपने घर पर रहेंगे या फिर जहां शादी हो रही है वहां मौजूद होंगे. कोर्ट ने उमर को इस दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी पांबदी लगाने को कहा है. 


किस केस में जेल हैं बंद?






उमर खालिद पर आरोप है कि उन्होंने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा को भड़काया था. उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए गए. एक मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिली हुई है. लेकिन दूसरा मामला 'गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम' (UAPA) का है. 


फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए जिसमें 53 लोग मारे गए थे. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि उमर खालिद ने प्रदर्शन के दौरान अन्य लोगों के साथ मिलकर हिंसा की साजिश रची. नतीजतन राष्ट्रीय राजधानी के एक हिस्से में भयानक दंगे भड़क गए. उमर पर दर्ज एफआईआर में उनपर दंगा करने, पत्थरबाजी और बमबाजी करने, दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने, पुलिस पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि के आरोप हैं. अभियोजन पक्ष ने दावा किया है कि उन्हें ऐसा गवाह मिला है जिसने तस्दीक की है कि उमर खालिद दंगाईयों से मिलजुल रहे थे. हालांकि उमर के वकील ने पत्थरबाजी में शामिल होने से इनकार कर दिया.



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