Amravati Murder Case: अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या के तार PFI से जुड़े? NIA की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
एनआईए सूत्रों ने बताया की जांच के दौरान उनको पता चला है कि मौलवी मुश्फिक अमरावती के पीएफआई से जुड़ा हुआ है और इसी वजह से एनआईए को लगता है की हत्या के तार पीएफआई से जुड़े हैं.
Amravati Murder Case: अमरावती (Amravati) में हुई उमेश कोल्हे हत्या (Umesh Kolhe Murder Case) मामले में NIA अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इन आरोपियों में हाल ही में अब्दुल अरबाज (जो की रहबर NGO में एंबुलेंस ड्राइवर है) और मुश्फिक अहमद (वो एक मौलवी है) को गिरफ्तार किया जा चुका है.
NIA सूत्रों ने बताया की जांच के दौरान उनको पता चला है कि मौलवी मुश्फिक अमरावती के PFI से जुड़ा हुआ है और इसी वजह से NIA को लगता है की हत्या के तार PFI से जुड़े हैं. सूत्रों ने यह भी जानकारी दी की उमेश कोल्हे की हत्या का कथित मास्टरमाइंड इरफ़ान शेख मौलवी मुश्फिक अहमद को मानता था और उनकी कही बातों को फॉलो भी करता था.
इसी के कहने पर इरफ़ान शेख ने BJP की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन का पोस्ट फॉरवर्ड करने वाले उमेश कोल्हे की हत्या को अंजाम दिया. इतना ही नहीं NIA ने कोर्ट को यह भी बताया था की उमेश कोल्हे की हत्या के बाद आरोपियों ने बिरयानी पार्टी की थी. इसके अलावा हत्या के मास्टरमाइंड समेत अन्य आरोपियों के छिपने में मदद भी की थी.
हत्या के बाद हुई थी बिरयानी पार्टी?
हत्या के बाद हुई बिरयानी पार्टी में मौलवी और ड्राइवर के साथ कई और लोग भी मौजूद थे. वो कौन थे NIA इसकी जांच कर रही है. वहीं, आरोपियों के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने कहा कि जितने भी आरोप लगाए गए हैं वो गलत है.
वकील ने कहा कि UAPA की जिस धारा को यहां पर लगाया गया है वो घटना टेरर हार्बरिंग भी नहीं लगती है क्योंकि इस मामले में एक आरोपी भी आतंकी साबित नहीं हुआ है. इस हत्या को ये लोग आतंक का रंग दे रहे हैं. वकील ने आगे कहा कि NIA ने जो डिनर में बिरयानी पार्टी का दावा किया तो वहां पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और अगर ऐसा हुआ भी होता तो ये क्राइम नहीं है.
जिस PFI लिंक होना का दावा एजेंसी कर रही है तो अब तक एक भी सबूत कोर्ट के सामने क्यों नहीं पेश कर पाए हैं. आपको बता दें की 6 जुलाई के दिन NIA ने अमरावती के PFI के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट सोहेल नदवी के करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी.
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