उमेश की हत्या से पहले अतीक के घर में हुई थी पार्टी, शाइस्ता भी थी मौजूद, पुलिस जांच में नया खुलासा
उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी रहे ज्यादातर लोगों को यूपी एसटीएफ मौत की नींद सुला चुकी है लेकिन दो आरोपी गुड्डू मुस्लिम और अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश जारी है.
Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी बनाई गई माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को लेकर यूपी पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. वहीं शाइस्ता की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही यूपी पुलिस और एसटीएफ नए खुलासे कर रही है.
हाल ही में यूपी पुलिस ने अतीक अहमद के घर के हेल्पर राकेश से पूछताछ की थी. राकेश से पूछताछ में यह निकल कर सामने आया था की 23 फरवरी की रात को शाइस्ता परवीन की मौजूदगी में असद समेत सभी शूटर पार्टी किए थे और 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई थी.
असद के छोटे भाई के मोबाइल से हुए अहम खुलासे
असद अहमद के मोबाइल से मिली जानकारी के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड को ऑपरेशन जानू का नाम दिया गया था. राकेश ने पुलिस को बताया, अतीक का नाबालिग बेटा और वह खुद पार्टी का सामान लेने के लिए मार्केट गए थे. उन्हें असद ने कहा था कि ऑपरेशन जानू को अंजाम तक पहुंचाना है लिहाजा आज रात घर पर तमाम मेहमानों के साथ पार्टी होगी. उमेश की हत्या के बाद सभी शूटर चकिया में इकट्ठा हुए थे.
कहां है शाइस्ता? तलाश जारी...
उमेश पाल शूट आउट के बाद शाइस्ता की तलाश जारी है. उसके मददगारों से लेकर रिश्तेदारों तक पुलिस निगाह रख रही है. शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम है और जांच एजेंसियां उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही हैं. पुलिस ने शाइस्ता की फरारी में मदद करने वाले 7 वकीलों और 20 अन्य मददगारों को चिन्हित किया है.
पुलिस की मानें तो उसके मददगार उसकी आर्थिक तौर पर भी मदद कर रहे हैं तो वहीं एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. शाइस्ता पर कुल चार मामले दर्ज हैं जिनमें से धोखाधड़ी से जुड़े तीन मामले 2009 में दर्ज हुए थे.
शाइस्ता पर उमेश पाल हत्याकांड का चौथा केस 25 फरवरी को धूमनगंज थाने में दर्ज हुआ था. शाइस्ता के पिता हारून प्रदेश पुलिस में मुख्य आरक्षी थे. उसके दो भाइयों में से जकी अहमद लखनऊ जेल में बंद है जबकि दूसरा सबी मदरसे में शिक्षक है.
कौन हैं शाइस्ता के मददगार?
यूपी पुलिस शाइस्ता के इन मददगारों पर अपनी तगड़ी निगाह रख रही है. शाइस्ता के संभावित मददगारों में सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बल्ली पंडित, मोहम्मद नफीस, इरशाद उर्फ सोनू, अरशद, सुल्तान अली, बांदा का जफर अहमद खां, डॉ. शैला, असाद, नूर, मोहम्मद मुस्लिम, मोहम्मद राशिद उर्फ नीलू, आवेज अहमद, अशरफ का साला सद्दाम, कासिम शामिल हैं.
वहीं संरक्षण देने वालों में मेरठ निवासी ननद आयशा नूरी, मोहम्मद अनस, आसिफ उर्फ मल्ली शामिल हैं. आर्थिक मददगारों में मोहम्मद मुस्लिम, असलम मंत्री और खालिद जफर शामिल हैं. खालिद जफर अतीक अहमद की बहन का दामाद है और उसके घर भी ईडी की छापेमारी हो चुकी है.