UN High-Level Meeting On Afghanistan: अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र की हाई लेवल बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का सतत समर्थन किया है. अफगानिस्तान एक अहम और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी के रूप में वहां के घटनाक्रम पर भारत नजर रख रहा है.


विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति भारत का अपना दृष्टिकोण लोगों के साथ ऐतिहासिक मित्रता द्वारा निर्देशित रहा है. आगे भी ऐसा ही होता रहेगा. अतीत में भी, हमने समाज की मानवीय जरूरतों में योगदान दिया है.


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हमारी मित्रता सभी 34 (अफगान) प्रांतों में भारतीय विकास परियोजनाओं में दिखाई पड़ती है. गंभीर आपात स्थिति में भारत पहले की तरह अफगान लोगों के साथ खड़ा होने को तैयार है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सर्वोत्तम संभव, सक्षम वातावरण बनाने के लिए एक साथ आना चाहिए.”


एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन हुआ है. यात्रा और सुरक्षित आवाजाही का मुद्दा मानवीय सहायता में अवरोध बन सकता है जिसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए. जो लोग अफगानिस्तान में आना और बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें बिना किसी रुकावट के ऐसी सुविधाएं दी जानी चाहिए.


गौरतलब है कि यूएन की अफगानिस्तान पर हाई लेवल बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में तालिबान अपनी कार्यवाहक सरकार का एलान कर चुका है. तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद महिलाओं के अधिकार और शांति की बात कही थी. लेकिन वहां की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. कोएजुकेशन पर बंदिश लगा दी गई है. हिंसा और बर्बरता की खबरों में अमनपसंद देशों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.


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