UNHRC Review: यूएन मानवाधिकार परिषद की सालाना समीक्षा बैठक में भारत का नेतृत्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता करेंगे
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की समीक्षा बैठक में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे. भारत ग्लोबल लेवल पर मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के साथ जुड़ा हुआ है.
UNHRC Review: 7 से 18 नवंबर तक जेनेवा में होने वाले यूएनएचआरसी की समीक्षा बैठक में भारत की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. विदेश मंत्रालय ने बुधवार (9 नवंबर) को ये जानकारी दी. भारत ने मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा 10 नवंबर को की जाएगी.
बयान के अनुसार, यूनिवर्सल पीरियॉडिक रिव्यू (UPR) कार्यकारी समूह के 41वें सेंशन का आयोजन 7-18 नवंबर के दौरान जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में होगा. इस सत्र के दौरान चौथे UPR राउंड के लिए भारत की राष्ट्रीय रिपोर्ट की समीक्षा 10 नवंबर को होगी.
सॉलिसिटर जनरल करेंगे नेतृत्व
इसमें कहा गया है कि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे. इसमें मंत्रालय में सचिव (वेस्टर्न) संजय वर्मा, भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज के अलावा विदेश मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी तथा दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल होंगे.
भारत UNHRC से जुड़ा हुआ है
विदेश मंत्रालय के अनुसार, सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हमारी मजबूत कमिटमेंट हमारी सभ्यता के सार तत्व वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित हैं. यह एक ऐसा आधार प्रदान करता है जिस पर हमारे मानवाधिकारों के लिये संवैधानिक और कानूनी ढांचा तैयार हुआ है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सदस्यों तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के साथ ग्लोबल लेवल पर मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिये रचनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है.
यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू (UNHRC)
यूनिवर्सल पीरियॉडिक रिव्यू (UPR) एक बेहद ही महत्वपूर्ण सिस्टम है, जिसका भारत पूरी तरह से सपोर्ट करता है. ये संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की एक समीक्षा प्रोसेस है, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के मानवाधिकारों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है.
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