UN महासचिव ने 26/11 हमलों के पीड़ितों को दी श्रद्धांजलि, बोले- आतंकवाद के लिए दुनिया में कोई जगह नहीं
Antonio Guterres News: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि आतंकवाद से लड़ना हर देश के लिए एक वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए.
UN Secretary-General India Visit: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने बुधवार (19 अक्टूबर) को मुंबई में ताज पैलेस होटल में 26/11 के आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद (Terrorism) एक बुराई है जिसका सभी देशों को सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए. भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए गुतारेस के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे.
गुतारेस ने होटल में 26/11 हमलों के स्मारक पर पुष्प अर्पित किए. नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में 166 लोगों की जान गई थी. ये हमला पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने किया था. एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है, कोई बहाना नहीं है जो आतंकवाद को सही ठहरा सकता है.
आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के लिए आज की दुनिया में कोई जगह नहीं है, बिना किसी हिचकिचाहट के आतंकवाद से लड़ें. मैं पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं, वे हमारी दुनिया के नायक हैं. उन्होंने पीड़ितों के परिवारों व दोस्तों और मुंबई हमले में जान गंवाने वाले दुनिया के अन्य हिस्सों के लोगों के लिए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.
हमलों में जीवित बची युवती से मिले
गुतारेस ने कहा कि आतंकवाद से लड़ना हर देश के लिए एक वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए और आतंकवाद से लड़ना संयुक्त राष्ट्र के लिए एक केंद्रीय प्राथमिकता है. हालांकि अपने संक्षिप्त भाषण में उन्होंने पाकिस्तान या लश्कर-ए-तैयबा का कोई संदर्भ नहीं दिया. उन्होंने इन हमलों में जीवित बची युवती देविका रोटावन से भी मुलाकात की.
भारत का किया धन्यवाद
एंतोनियो गुतारेस ने आतंकवाद से लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सभी कार्रवाइयों के समर्थन के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया. भारत इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति की दो विशेष बैठकों की मेजबानी करेगा, जिसमें मुंबई के ताज पैलेस होटल में एक अनौपचारिक बैठक भी शामिल है.
हमलों में कई देशों के नागरिकों की गई थी जान
मुंबई हमलों (Mumbai 26/11 Attacks) में मारे गए 166 लोगों में अमेरिका, इस्राइल, जर्मनी, कनाडा और ब्रिटेन समेत 16 देशों के 29 नागरिक शामिल थे. 10 हमलावरों में से केवल एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था. बाद में उसे दोषी ठहराया गया और फांसी दे दी गई थी.
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