नई दिल्ली: बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और करप्शन अब एक नाम हो गए हैं. काले धन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस कई नए और गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस के दफ्तर में किलो और टनों के हिसाब से हवाला का रुपया पहुंचता था. पात्रा ने कहा, "बिना हिसाब वाला कैश, हवाला लेन-देन और भ्रष्ट सौदे वो स्तंभ हैं जिनपर कांग्रेस पार्टी बैठती है."
पात्रा ने आगे कहा कि बहुत सारे सवालों के जवाब मांगने वाली कांग्रेस अब मुंह छुपाती नज़र आएगी. डीके शिवकुमार के खिलाफ ईडी (इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) की चार्जशीट का मामला हमने देखा. पात्रा ने कहा कि शिवकुमार की मनी लॉन्ड्रिंग के तार AICC मुख्यालय तक नज़र आते हैं और दस्तावेजों के साथ उनका खुलासा किया जाएगा.
बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नोटबंदी पर आंसू बहाती है और दस्तावेजों के साथ बताएंगे कि कांग्रेस मुख्यालय में रुपया लाख या करोड़ में नहीं बल्कि किलो से तौल में जाता था. पात्रा ने कहा कि 'डायरी गेट' का मामला आपको ध्यान होगा जिसमें आरोप लगे थे कि 600 करोड़ रुपये एसजी आफिस और आरजी ऑफिस के नाम से पेमेंट का मामला सामने आया था.
पात्रा ने क्यों लगाए ये आरोप
आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और ईडी भी अब कई लोगों से पूछताछ करेगी. मुसीबत के वक्त कांग्रेस विधायकों को अपने इस रिजॉर्ट में रखने वाले कर्नाटक के कद्दावर नेता और मंत्री डीके शिवकुमार को लेकर कई गंभीर बातें सामने आई थीं. सरकारी अफसर अंजनैया हनुमंता ने शिवकुमार को लेकर कई खुलासे किए. दिल्ली के कर्नाटक भवन में सहायक लाइजन अधिकारी अंजनैया का नाम 2017 में तब सामने आया था जब डीके शिवकुमार के ठिकानों पर छापे मारे गए थे. इसी दौरान उनके दिल्ली के फ्लैटों के बारे में पता चला था. फ्लैट के चाबियां अंजनैया के यहां से बरामद हुई थी और फ्लैट से 8 करोड़ रुपए से ज्यादा बरामद हुए थे.
अंजनैया से पूछताछ में सख्ती हुई तो उसने डीके शिवकुमार के खिलाफ खुलासों की झड़ी लगा दी. अंजनैया ने बताया कि अलग अलग फ्लैट से बरामद सारा पैसा डीके शिवकुमार का है. ये पैसा कभी किसी आदमी के जरिए और कभी राजेंद्रन के पास से आता था. राजेंद्रन भी कर्नाटक सरकार का सेवानिवृत अधिकारी हैं और वो भी डीके के लिए काम करते हैं. हर महीने 2 से 3 करोड रुपया आता था और फिर डीके शिवकुमार के निर्देश पर इधर उधर दिया जाता था. वहीं, दिल्ली में फ्लैट खरीदे ही इसलिए गए ताकि वहां कैश रखा जा सके.
जांच एजेंसियो के मुताबिक अंजनैया ने एक बार डीके से कहा कि इस तरह कैश पैसों का लेन-देन खतरनाक है तो उसने कहा कि उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है और वो इस इस बारे में संबंधित जांच एजेंसी समेत सारी बातें संभाल लेगा. दिलचस्प ये कि पैसे इधर-उधर करने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल होता था. मसलन 65 लाख की रकम के लिए 65 किलोग्राम शब्द का इस्तेमाल होता था. कुल मिलाकर डीके शिवकुमार कठघरे में हैं.
कौन हैं डीके
डीके शिवकुमार का पूरा नाम डोड्डालाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार है. सिद्धरमैया सरकार में डीके शिवकुमार ऊर्जा मंत्री थे. कर्नाटक कांग्रेस में वोकालिग्गा समुदाय से आने वाले बड़े नेता हैं. कर्नाटक की राजनीति में डीकेएस के नाम से फेमस हैं. मुसीबत के वक्त कांग्रेस विधायकों को अपने “ईगलटन” रिज़ॉर्ट में ठहराने को लेकर मशहूर. गुजरात विधायकों को रिज़ॉर्ट में रोकने के बाद उनके यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था. रिज़ॉर्ट से तो कुछ नहीं मिला लेकिन उनके दिल्ली वाले घर से करीब 8 करोड़ रुपए नगद मिले थे.
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