नई दिल्लीः दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को सम्पत्ति का मालिकाना हक देने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से लाया गया एक विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निचले सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कालोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पेश किया.
विधेयक में इन अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्य ऐसे दस्तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है जो ऐसी संपत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं.
इसके साथ ही ऐसी कॉलोनियों के विकास, वहां मौजूद अवसंरचना और जन सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है. इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद, पंजीकरण तथा स्टैंप ड्यूटी में दी जाने वाली रियायत से दिल्ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे.
गौरतलब है कि आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक देने का प्रस्ताव रखा था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 अक्टूबर, 2019 को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसके बाद 29 अक्टूबर, 2019 को इसे अधिसूचित कर दिया गया.
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