नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी विजय माल्या आज सजा पर बहस के लिए उपस्थित नहीं हुआ. जजों ने इस बात पर हैरानी जताई कि यूके की अदालत में प्रत्यर्पण कि कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद भी वह अब तक वहां कैसे जमा है. कोर्ट ने इसका साफ जवाब न देने के लिए भगोड़े कारोबारी के वकील को फटकार लगाई और सुनवाई दो नवंबर के लिए टाल दी.
बैंकों के हजारों करोड़ रुपये हजम कर फरार माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति का सही ब्यौरा न देने और अवैध तरीके से पैसे परिवार के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए अवमानना का दोषी माना है. उसकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज की जा चुकी है. 31 अगस्त को दिए आदेश में कोर्ट ने सज़ा पर बहस के लिए 5 अक्टूबर की तारीख तय की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय से माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा था.
यूके कोर्ट में गुप्त प्रक्रिया शुरू, केंद्र ने कहा
आज जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने जैसे ही सुनवाई शुरू की, केंद्र के वकील ने बताया, "यूके में प्रत्यर्पण की सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. वहां के सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या की अपील खारिज कर दी थी. लेकिन अब वहां कोई गुप्त प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें हम पक्ष नहीं हैं. इसलिए, बता नहीं सकते कि यह कब तक चलेगी."
इस पर जजों ने माल्या के वकील से पूछा, “यूके का सुप्रीम कोर्ट भी प्रत्यर्पण की अनुमति दे चुका है. फिर आपके क्लायंट वहां किस तरह से रुके हैं? कौन सी गुप्त प्रक्रिया वहां शुरू की गई है? यह कब तक चलेगी?”
माल्या के लिए पेश वकील अंकुर सहगल ने कहा कि उन्हें इस पर कोई जानकारी नहीं है. जजों ने इस पर सख्त नाराज़गी जताते हुए कहा, “आप किसी के लिए पेश हुए हैं और उसकी तरफ से सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे?” कोर्ट ने वकील से स्पष्ट जवाब पेश करने के लिए कहा। मामला अब 2 नवंबर को दोपहर 2 बजे सुना जाएगा.