'मेक इन इंडिया' के तहत कैबिनेट ने 10 नए परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को दी मंजूरी
नई दिल्ली: भारत में घरेलू परमाणु उर्जा कार्यक्रम को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को बुधवार को मंजूरी प्रदान की. देश के परमाणु उद्योग को गति प्रदान करने की पहल करते हुए यह मंजूरी दी गई है .
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. हर एक रिएक्टर की क्षमता 700 मेगावाट होगी और इस तरह से कुल 10 इकाइयों की क्षमता 7000 मेगावाट होगी. इससे देश की परमाणु उर्जा उत्पादन क्षमता को काफी ताकत मिलेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस फैसले से घरेलू परमाणु उद्योग में व्यापक बदलाव आएगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ कैबिनेट का एक अहम फैसला जो घरेलू परमाणु उद्योग में व्यापक बदलाव से जुडा है.’’
A vital decision of the Cabinet that pertains to transformation of the domestic nuclear industry. https://t.co/YupSIpL0Rv
— Narendra Modi (@narendramodi) May 17, 2017
केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘ कुल 7000 मेगावाट क्षमता बढ़ेगी. इससे स्वच्छ उर्जा उत्पादन करने में मदद मिलेगी. ’’ भारत में अभी 22 संयंत्र परिचालन में हैं और इनकी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 6780 मेगावाट है. इसके अलावा कुछ अन्य परियोजनाएं निर्माणधीन हैं. जिनके 2021.22 में पूरा होने पर 6700 मेगावाट अतिरिक्त परमाणु उर्जा सृजित होगी.
इन 10 रिएक्टरों का निर्माण माही बांसवाड़ा (राजस्थान), चुटका (मध्य प्रदेश), कैगा (कर्नाटक) और गोरखपुर (हरियाणा) में होगा. एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार जब सत्ता में आने के तीन वर्ष पूरा करने जा रही है, ऐसे में भारत के परमाणु उर्जा क्षेत्र में यह अपने तरह की पहली परियोजना होगी जिसमें पूरी तरह से स्वदेशी स्तर पर 10 नयी इकाइयों का निर्माण किया जायेगा. यह केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत होगी .
इस परियोजना के लिए घरेलू कंपनियों को करीब 70 हजार करोड़ रूपये का विनिर्माण आर्डर की उम्मीद है. इस परियोजना से भारत के परमाणु उद्योग को उच्च प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेशी औद्योगिकी क्षमता के विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. इस परियोजना के फलस्वरूप 33,400 रोजगार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सृजित होने की उम्मीद है.