दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के स्तर के आसपास नोट किया गया है. जिस तरह से लगातार हवा में जहर बढ़ता जा रहा है इसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. प्रदूषण के इसी प्रकोप को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली और एनसीआर में एक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान बनाया गया.
जल्द लागू किया जा सकता है ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का 'सीवर प्लस'
इस प्लान में वायु प्रदूषण के स्तर के हिसाब से किन-किन चीजों पर पाबंदी लगाई जाएगी और उसका पालन कौन कराएगा इस बात का जिक्र है. इस प्लान का मतलब ये है कि एयर क्वालिटी जितनी खराब होती जाएगी ग्रैप के हिसाब से उतने कड़े कदम उठाये जाएंगे. अभी दिल्ली में वायु प्रदूषण 400 के स्तर को पार कर रहा है जिसकी वजह से 'सीवर' श्रेणी लागू कर दिया गया है. जिसके 1 नवंबर से और बदतर होने की आशंका है, ऐसे में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के 'सीवर प्लस' या आपातकालीन श्रेणी को लागू कर दिया जाएगा. 12 जनवरी 2017 से ये ग्रैप लागू है.
अब तक प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए हैं ये कदम
प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए इस प्लान में भट्टियां, स्टोन क्रशर को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा कोल आधारित पॉवर प्लांट बंद करने के निर्धारित लक्ष्य के तहत बदरपुर प्लांट को बंद कर दिया गया है. साथ ही इस प्लान के अंतर्गत पब्लिक ट्रासंपोर्ट को बढ़ावा देना, यानि की बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाना, नॉन पीक आवर में किराये में छूट देना जैसे कदम उठाए गए हैं.
1 नवबर से और सख्त हो सकते हैं नियम
इन सब उपायों के बाद भी 1 नवंबर यानि कल से अगर लगातार 48 घंटे तक प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना रहता है तो और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे. जरूरत की वस्तुएं (खाद्य पदार्थ, दवाइयां आदि) लाने वाले ट्रकों के अलावा बाकी ट्रकों का प्रवेश दिल्ली में बन्द हो जाएगा. हर तरह के निर्माण कार्य पर रोक लग जाएगी. निजी गाड़ियों पर ऑड-इवन की स्कीम लागू होगी साथ ही स्कूलों को बंद करने का फैसला हो सकता है.
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