Mumbai Underworld Gang: मुंबई में डी-गैंग का अंत होने के दावों के बीच एनआईए द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. पता चला है कि मुंबई में अभी भी डी गैंग के सदस्य हैं और वे दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और छोटा शकील (Chhota Shakeel) के संपर्क में हैं. कुछ दिन पहले एनआईए ने मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी कर 21 लोगों से पूछताछ की थी. इसी पूछताछ में पता चला कि दाऊद और छोटा शकील अभी भी अपने मुंबई सदस्यों के संपर्क में है और पता चला है कि वह विदेश में बैठे अपना धंधा चला रहे हैं.


आरिफ शेख उर्फ आरिफ भाईजान और शब्बीर शेख को एनआईए ने गिरफ्तार किया है और उनसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दाऊद अपने सदस्यों के संपर्क में रहने और खुद को जांच एजेंसियों से बचाने के लिए मुंबई के विभिन्न अनुप्रयोगों की मदद से अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है. 


कौन से एप्लिकेशन कर रहे उपयोग?
मिली जानकारी के अनुसार, ये लोग एंड्रॉयड फोन के लिए न्यूमेरो, बोटिम, वाइबर, टैंगो जैसी मोबाइल एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर रहे है. सूत्रों के मुताबिक एपल फोन में भी फेसटाइम एप्लीकेशंस का इस्तेमाल किया जा रहा है. साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, वाइबर, टैंगो और बोटिम व्हाट्सएप की तरह के एप्लिकेशन हैं और यदि सामने वाले के पास समान एप्लिकेशन हैं, तो वे बिना किसी शुल्क के एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं. इसके लिए गिरोह के सदस्य दूर के दोस्तों के सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. 


सिम खरीदने के लिए यूनिवर्सल क्रेडिट कार्ड का कर रहे इस्तेमाल
एक और चौंकाने वाली बात यह है कि न्यूमेरो नामक एप्लिकेशन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड खरीदना पड़ता है. डी गैंग के सदस्य सिम कार्ड खरीदने के लिए अपने किसी दूर के मित्र का यूनिवर्सल क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं. इसका फायदा यह है कि जांच प्रणाली ऐसे नंबरों को ट्रेस नहीं कर पाती है. अलग-अलग लोगों के नाम से लिए गए सिम कार्ड ने जांचकर्ताओं के लिए ऐसे लोगों का पता लगाना मुश्किल बना दिया है. साथ ही ऐसे नंबरों से मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला रैकेट, ड्रग सप्लाई आदि के लिए फिरौती वसूल की जा रही है.


एनआईए ने की थी छापेमारी 
बता दें कि, सोमवार 9 मई की सुबह NIA ने मुंबई के 29 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. जिसमें से 24 ठिकाने मुंबई में थे तो 5 ठिकाने मुंबई से सटे मीरारोड पर थे. NIA ने छोटा शकील के जीजा आरिफ शेख उर्फ आरिफ भाईजान और उसके भाई शब्बीर शेख को गिरफ्तार किया था. दोनों पर आरोप है कि ये लोग मुंबई के पश्चिम उपनगर इलाके में दाऊद की डी-कम्पनी के गैरकानूनी काम में संलिप्त थे और आतंक को बढ़ावा देने में आर्थिक मदद करते थे. 


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