Unemployment in India: कोरोना के बीच दोहरी चोट, देश में मार्च 2021 में 6.5 फीसदी हुई बेरोजगारी दर
पर्यटन से लेकर, होटल और एयरलाइंस जैसे क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए. छोटे उद्योगों पर ताले तक लटक गए और लाखों लोग सड़क पर आ गए.130 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले हिन्दुस्तान में सिर्फ हजारों और लाखों के रोजगार से काम नहीं चलेगा, क्योंकि देश में हर साल एक करोड़ बेरोजगारों की फौज खड़ी हो जाती है.
Unemployment in India: देश में बेरोजगारी अब कोरोना वायरस से भी बड़ी महामारी बनती जा रही है. जल्द ही बेरोजगारी कम नहीं की गई तो ये महामारी भारत की मुसीबत बढ़ा देगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने यानि मार्च 2021 में भारत में बेरोजगारी दर 6.5 फीसदी है. -शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर 7.1 फीसदी तो ग्रामीण इलाकों में 6.2 फीसदी है. यानि शहरों में बेरोजगारी की समस्या ज्यादा है.
देश के 10 राज्य ऐसे हैं, जहां की बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर से ज्यादा है. ये राज्य हैं-
- हरियाणा
- राजस्थान
- गोवा
- हिमाचल प्रदेश
- जम्मू-कश्मीर
- झारखंड
- बिहार
- त्रिपुरा
- दिल्ली
- और पंजाब
इन आंकड़ों के आईने में देखने पर समझ आता है कि देश भले ही कोरोना से अनलॉक हो गया हो, लेकिन युवाओं के लिए रोजगार के मौके कोरोना के आते ही लॉक हो गए थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लॉक डाउन के पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून 2020) के दौरान देश में शहरी बेरोज़गारी दर 20.9 फ़ीसदी तक पहुंच गई थी. जबकि ये दर उसके पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च 2020) के दौरान 9.1 फ़ीसदी और (अप्रैल-जून 2019) के दौरान 8.9 फ़ीसदी थी. अप्रैल-जून 2020 के दौरान 15-29 साल के बीच के लोगों में तो बेरोज़गारी दर 34 फ़ीसदी तक पहुंच गई.
कोरोना ने अर्थव्यवस्था पर ऐसी चोट की है कि पर्यटन से लेकर, होटल और एयरलाइंस जैसे क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए. छोटे उद्योगों पर ताले तक लटक गए और एक झटके में लाखों लोग सड़क पर आ गए. 70 लाख से ज्यादा पीएफ खाते बंद हो गए. लेकिन अब 53 लाख नए पीएफ खाते खुलने के हवाले से सरकार का दावा ये है कि हालात सुधर रहे हैं.
बेरोजगारी और हिन्दुस्तान का वास्ता पुराना
- मार्च 2016 में बेरोजगारी दर 8.7 फीसदी थी
- मार्च 2017 में ये काफी कम होकर 4.7 फीसदी रह गई
- मार्च 2018 में ये फिर बढ़कर 6 फीसदी पर पहुंची
- मार्च 2019 में इसमें और उछाल आया और ये बढ़कर 6.7 फीसदी हो गई
पिछले 5 सालों में नौजवानों को रोजगार मिल सके, इसलिए मोदी सरकार कई योजनाएं भी लेकर आई. पीएम रोजगार योजना में 2016-17 से लेकर 2020-21 तक 21 लाख 71 हजार 48 लोगों को रोजगार मिला है. पंडित दीनदयाल ग्रामीण कौशल योजना के जरिए भी पिछले 5 साल में पांच लाख 49 हजार 50 लोगों को रोजगार मिला. दीनदयाल अन्त्योदय योजना के तहत 5 साल में 5 लाख 14 हजार 998 लोगों को काम दिया गया.
लेकिन 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले हिन्दुस्तान में सिर्फ हजारों और लाखों के रोजगार से काम नहीं चलेगा, क्योंकि देश में हर साल एक करोड़ बेरोजगारों की फौज खड़ी हो जाती है. समस्या बड़ी है, इसलिए सरकार को समाधान भी बड़ा निकालना ही होगा.
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