नागपुरः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि देश के सामने पेश आ रही मुख्य समस्याओं में से सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. उन्होंने कहा कि रोजगार और नौकरियों के बीच ''अंतर'' होता है. वह नागपुर फॉर्च्यून फाउंडेशन द्वारा आयोजित युवा सशक्तीकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. गडकरी ने कहा, ''यह सोचने की जरुरत है कि कैसे देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा किए जाए.''


रोजगार सृजन पर गडकरी ने कहा, ''बेरोजगारी की समस्या से निपटने में हर किसी को नौकरियां नहीं मिल सकती क्योंकि रोजगार और नौकरियों के बीच अंतर है. नौकरियों की सीमाएं हैं और इसलिए किसी भी सरकार की वित्तीय नीति का मुख्य हिस्सा रोजगार सृजन है.''


उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और मैं दोनों नागपुर से हैं और हमने विदर्भ के कम से कम 50,000 युवकों को रोजगार मुहैया कराने का फैसला किया था. इसके अनुसार करीब 27,000 युवकों को विभिन्न तरीकों से पहले ही रोजगार के अवसर मिल चुके हैं और अगले साल तक यह 50,000 के आंकड़े को पार कर लेगा.''


बता दें कि किसी भी मुद्दे पर गडगरी अपनी बेवाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तारीफ करते हुए कहा था, ''वह अक्सर कहा करते थे कि इंडिया इज नॉट ए नेशन, इट इज ए पॉपुलेशन (भारत एक देश नहीं बल्कि एक पूरी आबादी है). दूसरी बात कहते थे इस देश का हर व्यक्ति एक प्रश्न है, एक समस्या है.''


इस दौरान गडकरी ने कहा था, ''उनकी ये बात मुझे बहुत पसंद है. मैं इतना तो कर सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं रहूंगा तो भी आधे प्रश्न सुलझ जाएंगे. मेरे से किसी ने अन्याय किया होगा लेकिन मैं उसके साथ अन्याय नहीं करूंगा.''


अपनी बेवाक राय के कारण वह अक्सर चर्चा में भी आ जाते हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि एक ट्रांसजेंडर को भी बच्चा हो जाएगा लेकिन महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक सिंचाई योजना कभी पूरी नहीं हो पाएगी.


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