UNFCCC Meeting in Egypt: जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) के 27वें संस्करण से पहले भारत के केंद्रीय पर्य़ावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बड़ी बात कही है. मिस्र के शर्म अल-शेख में 6 से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में जाने से पहले भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को कहा कि भारत विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करने के लिए विकसित देशों से जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के मामले में ‘कार्रवाई’ की मांग करेगा.


केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'सीओपी27 जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के मामले में कार्रवाई के लिए सीओपी होना चाहिए. यह हमारा समग्र दृष्टिकोण है. भारत इस बारे में स्पष्टीकरण मांगेगा कि जलवायु वित्त किसे कहा जा रहा है- चाहे वह अनुदान हो, ऋण हो या सब्सिडी हो. सार्वजनिक और निजी वित्त को अलग किया जाना चाहिए. इन मुद्दों को सम्मेलन में मजबूती से उठाया जाएगा.'


जो बाइडन और ऋषि सुनक भी होंगे शामिल


बता दें कि इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के भाग लेने की उम्मीद है. हालांकि भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है.


190 से अधिक देश होते हैं शामिल


जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन में जलवायु परिवर्तन से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा होती है. 190 से अधिक देश जो UNFCCC के सदस्य हैं क्लाइमेट चेंज से निपटने और वैश्विक दृष्टिकोण पर काम करने के लिये वर्ष के अंतिम दो सप्ताह में वार्षिक कॉन्फ्रेंस करते हैं. यह वह प्रक्रिया है जिसने पेरिस समझौते को जन्म दिया है. इसके अलावा इशके पूर्ववर्ती समझौते क्योटो प्रोटोकॉल भी है. यह एक तरह से अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसे जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है.


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