India On Pakistan At UNGA: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर लताड़ लगाई है. भारत ने गुरुवार (23 फरवरी) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान के खिलाफ अपने 'जवाब के अधिकार' का इस्तेमाल किया और कहा कि इस्लामाबाद आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है. भारत ने ये भी कहा कि इस मामले में पाकिस्तान अपना ट्रैक रिकॉर्ड भी देख सकता है.


संयुक्त राष्ट्र महासभा के 11वें आपातकालीन विशेष सत्र में भारतीय काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा, "पाकिस्तान को केवल अपने ट्रैक रिकॉर्ड को देखने की जरूरत है, जो आतंकवादियों को शरण देता है और सुरक्षित आश्रय मुहैया करवाता है." उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को जवाब देने के अधिकार का उल्लेख करने की भी सलाह दी, जिसका उपयोग भारत ने अतीत में किया है.


'शांति का रास्ता अपनाना होगा'


प्रतीक माथुर ने पाकिस्तान के अनावश्यक उकसावे को 'अफसोसजनक' बताते हुए यह भी कहा कि दो दिनों की गहन चर्चा के बाद, संयुक्त राष्ट्र में मौजूद सभी सदस्य इस बात पर सहमत हुए हैं कि संघर्ष और कलह को हल करने का एकमात्र रास्ता शांति का रास्ता हो सकता है. उल्लेखनीय है कि भारत के सबसे वांछित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को जनवरी में 'ग्लोबल टेररिस्ट' के रूप में नामित किया गया था.


'आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का...'


गुरुवार को पुणे (महाराष्ट्र) में 'एशिया आर्थिक संवाद' कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी आतंकवाद और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर बात की. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है, जिससे कोई बच नहीं सकता है और हम मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते हैं.


जयशंकर की पाक को नसीहत


उन्होंने कहा, "कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है." विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, "एक देश को अपने आर्थिक मुद्दों का समाधान करना होता है, उसी तरह उसे अपने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों का समाधान करना होता है."


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