UNHRC Session on Afghanistan: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की तरफ से मंगलवार को एक विशेष सत्र आयोजन हुआ. इस सत्र में भारत ने कहा कि अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते, वहां की स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. इसके साथ ही भारत ने कहा कि वहां सुरक्षा हालात खतरनाक बने रहने से भयानक मानवीय संकट पैदा हो रहा है. 


यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि इंद्र मणी पांडेय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान की स्थिति उसके पड़ोसियों के लिए कोई चुनौती होगी और इसके क्षेत्र का उपयोग लश्कर और जेईएम जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकी देने के लिए नहीं किया जाएगा.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के रूप में देश में शांति, स्थिरता और सुरक्षा की उनकी इच्छा में अफगानिस्तान के लोगों को पूर्ण समर्थन सुनिश्चित करना चाहिए और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित सभी अफगानों को शांति और सम्मान के साथ रहने में सक्षम बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम समावेशी और ऐसे व्यापक तंत्र की उम्मीद करते हैं जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो.


बता दें कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगठन के समन्वयक के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर 'गंभीर मानवाधिकार चिंताओं' को दूर करने के लिए सत्र बुलाया गया है. इस अनुरोध को अब तक 89 देशों ने समर्थन दिया. अधिकांश देशों के प्रतिनिधिमंडल वीडियो लिंक के जरिए सत्र को संबोधित करेंगे.


गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश की स्थिति संकटपूर्ण हो गई है और वहां पर भयानक अस्थिरता का माहौल है. काबुल के एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही है और वे किसी भी तरह बस देश छोड़कर निकलने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रपति सहित अफगानिस्तान के कई राजनेता और आम नागरिक देश छोड़कर निकल चुके हैं. कई देश अपने नागरिकों को लगातार वहां से निकाल में लगे हैं. भारत भी अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के मिशन में लगा हुआ है. बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के एक सप्ताह बाद भी अभी तक नई सरकार का एलान नहीं किया है.


अब तक अफगानिस्तान से कितने लोग भारत पहुंचे?


केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अब तक 626 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है. इसमें 228 भारतीय नागरिक शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 77 अफगानी सिखों को भी वहां से निकाला गया है.


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