UCC Bill: देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं, समान नागरिक संहिता के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मुहिम तेज हो गई है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार (6 जुलाई) को कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और यूसीसी पर पार्टी से रुख साफ करने की अपील की. जिस पर लॉ बोर्ड को कांग्रेस का समर्थन मिल गया है. साथ ही शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी भरोसा मिल गया है.


दरअसल, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बातचीत हुई. तीनों ने बोर्ड को कानून के खिलाफ अपना समर्थन दिया है. जानकारी के मुताबिक, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब इस मुद्दे पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मांगेगा. इससे पहले पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिमों से यूसीसी का विरोध करने की अपील की थी.


कांग्रेस ने दिया आश्वासन- AIMPLB
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आधिकारिक प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "कांग्रेस ने हमें आश्वासन दिया है कि वे हमारी बातों का संज्ञान लेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे कहा कि जब UCC संसद में आएगा, वे बहस के समय हमारी बातों का लिहाज़ रखेंगे."


उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को यूसीसी पर मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे भरोसा मिला है. उन्होंने बताया, ''हम उद्धव ठाकरे से भी मिले. उद्धव ठाकरे ने हमसे कहा कि यूसीसी पर सबकी सहमति से ही कानून बनना चाहिए. जब तक सबकी सहमति न हो, ये नहीं बनना चाहिए. सबकी सहमति में अल्पसंख़्यकों की सहमति भी शामिल है.''


देशभर में खोलेंगे शरई अदालतें- AIMPLB
लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, ''हम शरद पवार से भी मिले. पवार ने भी कहा कि वो यूसीसी के पक्ष में नहीं हैं. हम बीजेपी से भी मिलेंगे. प्रधानमंत्री से भी मिलने का वक़्त मांगेंगे. अगर वो वक़्त देंगे तो हम मिलेंगे. उन्होंने कहा, ''हम शरई अदालतें खोलना जारी रखेंगे. अभी देश में 100 से अधिक शरई अदालते हैं. जहां जहां मुस्लिम पॉपुलेशन हैं, वहां शरई अदालत खोलने का हमारा प्लान है.''


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