Lok Sabha Elections 2024: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है. लॉ कमीशन ने लोगों से विचार विमर्श करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें धार्मिक संगठन के लोग भी शामिल हैं. वहीं, इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है और अलग-अलग राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इसी क्रम में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से भी टिप्पणी आई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पार्टी प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने कहा है, “साल 2016 में यही लॉ कमीशन था जिसने कहा था कि अगले 10 साल तक यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात नहीं होनी चाहिए. ऐसे में अब लॉ कमीशन ने अपना नजरिया क्यों बदल लिया? बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में इसे एक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है. जहां तक यूसीसी की बात है तो देश को इसकी जरूरत नहीं है.”
लॉ कमीशन ने शुरू की प्रक्रिया
समान नागरिक संहिता पर लॉ कमीशन ने आम जनता से विचार विमर्श करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. विधि आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 22वें विधि आयोग ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर व्यापक स्तर पर लोगों और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है. इसमें रुचि रखने वाले इच्छुक लोग और संगठन नोटिस जारी होने की तारीख के 30 दिन की अवधि के अंदर विधि आयोग को अपने विचार दे सकते हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर राजनीति
कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, जेडीयू के साथ-साथ केसीआर की पार्टी बीआरएस ने यूसीसी पर प्रतिक्रिया दी. तो वहीं बीजेपी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बयान पर विपक्षियों की आलोचना की. पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाल ने कहा, बीजेपी यूसीसी को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विधि आयोग की ओर से समान नागरिक संहिता को लेकर उठाया गया नया कदम यह दर्शाता है कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रूप से जायज ठहराने के लिए व्याकुल है.
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