एक्सप्लोरर

UCC की ABC: यूसीसी में 'यूनिफॉर्म' क्‍या है, जानें 'सिविल' और 'कोड' के भी मायने

UCC: समान नागरिक संहिता मुद्दे की चर्चा जोरों पर है. 22वें विधि आयोग को नई विमर्श प्रकिया में एक करोड़ से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं. आइये यूसीसी के बारे में विस्तार से जानते हैं.

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) पर 22वें विधि आयोग को विचार भेजने की समय सीमा 28 जुलाई को खत्म हो चुकी है. पहले यह 14 जुलाई तक थी. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यूसीसी के संबंध में विधि आयोग को एक करोड़ से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं.

विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों समेत हितधारकों के विचार आमंत्रित करते हुए नई विमर्श प्रक्रिया शुरू की थी. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक सभा में की गई टिप्पणी के बाद यह मुद्दा गरमा गया. पीएम मोदी ने 27 जून को भोपाल में बीजेपी के 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम में यूसीसी की वकालत की थी.

उन्होंने कहा था, ''आजकल हम देख रहे हैं कि यूनीफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. मुझे बताइए, एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, परिवार के दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो तो वो घर चल पाएगा क्या? फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना होगा कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है...''

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियां यूसीसी पर केंद्र की पहल का विरोध कर रही हैं तो कुछ ने सैद्धांतिक रूप से समर्थन दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं. आखिर यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? इसमें यूनिफॉर्म, सिविल और कोड का क्या मतलब है, आइये जानते हैं.

समान नागरिक संहिता क्या है?

भारतीय संविधान के भाग 4 के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि भारत के पूरे क्षेत्र में देश के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास किया जाएगा. इस कोड का आशय सामाजिक मसलों से संबंधित कानून से है जो शादी, तलाक, भरण-पोषण, बच्चा गोद लेने और विरासत आदि के संबंध में सभी समुदायों के लिए समान रूप से लागू होगा. 

'कॉमन' और 'यूनिफॉर्म' का मतलब क्या है?

कानून विशेषज्ञ प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने सत्य हिंदी यूट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान यूसीसी की बारीकियां बताईं. उन्होंने कहा, ''कॉमन का मतलब होगा कि सबके लिए 'समान' हो. 'यूनिफॉर्म' का मतलब यह है कि जो एक से लोग हैं, उनके लिए एक सा कानून हो.''

उन्होंने कहा, ''जो समानता का अधिकार है वो यह नहीं कहता कि सारे देश के लिए एक समान कानून बनाया जाए, वो कहता है कि जो पसंद हैं, उनके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए. जो एक से लोग हैं, उनके ऊपर एक सा कानून, यानी अनुच्छेद 14 समानता के अधिकार की बात करता है, वो यह कहता है कि एक वर्ग के अंदर जितने लोग एक समान हैं, उनके ऊपर एक कानून हो.'' 

उन्होंने कहा, ''जैसे अगर प्रोफेसर है तो प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर एक नहीं होंगे. वो अलग-अलग हैं. दोनों की सैलरी बराबर नहीं होगी. प्रोफेसर बहुत कम पढ़ाएगा और असिस्टेंट प्रोफेसर बहुत ज्यादा लेकिन सैलरी प्रोफेसर की ज्यादा होगी क्योंकि प्रोफेसर का एक वर्ग है, असिस्टेंट प्रोफेसर का एक दूसरा वर्ग है... जो भिन्न हैं, उनके लिए भिन्न कानून होना, समानता के अधिकार का हिस्सा है, जो एक से हैं, उनके लिए एक कानून.''

फैजान मुस्तफा ने कहा, ''कॉमन सिविल कोड अगर शब्द होता तो फिर यह सबके लिए एक कानून हो जाता क्योंकि 'यूनिफॉर्म' शब्द आया है, जिसका मतलब है कि क्लासिफिकेशन की गुंजाइश है कि उसमें अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून हो सकते हैं.''

'सिविल' का मतलब क्या है?

प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने बताया, ''लॉ में दो तरह के राइट्स हैं. एक राइट है राइस्ट्स इन पर्सोनेम, दूसरा है राइस्ट्स इन रेम. आपका मेरे ऊपर कोई अधिकार है, यह पर्सनल मामला है. जैसे आपने मुझसे कहा कि मुझे 10 लाख रुपये दीजिए, मैंने आपको लोन दिया. अब इसे पे नहीं किया गया तो यह पर्सनल मामला है. जो पर्सनल मामला यानी पर्सनल राइट का वायलेशन (उल्लंघन) है वो सिविल लॉ से डील करता है.

उन्होंने कहा, ''सिविल लॉ में अगर मैंने आपका लोन नहीं पे किया तो जो उसकी रेमेडी होगी वो कंपनसेशन होगी, यानी मैं मुआवजा दूंगा. वो बहुत एक्ट्रीम सिचुएशन होती है अगर मुआवजा के एवज में थोड़ी सी सजा भी हो जाए. आम तौर पर सिविल लॉ में आपको जेल नहीं भेजा जाएगा. आपके ऊपर फाइन नहीं लगाया जाएगा. फाइन और मुआवजा अलग-अलग चीजें हैं.''

उन्होंने कहा, ''फाइन क्रिमिनल लॉ का हिस्सा है, एक भी रुपये का फाइन आपके ऊपर हो गया तो पासपोर्ट नहीं बनेगा लेकिन अगर 50 करोड़ का आपने कंपनसेशन लिया है तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो पर्सनल राइट का वायलेशन है. राइट इन रेम जनरल पब्लिक के राइट का वायलेशन है. क्रिमिनल लॉ ऐसे मामले हैं कि अगर उसको नहीं कंट्रोल नहीं किया राज्य ने तो बिल्कुल अव्यवस्था हो जाएगी, लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन हो जाएगी.

उन्होंने कहा, ''इसलिए क्रिमिनल लॉ में सरकार प्रॉसिक्यूट करती है, चाहे मर्डर हो, अगर मेरा मर्डर हो जाए तो मेरे भाई और पिता या मां को केस करने की जरूरत नहीं होगी, पुलिस खुद केस करेगी लेकिन आपकी अगर एक हजार करोड़ की प्रॉपर्टी मैं मार लूं तो सरकार कुछ नहीं करेगी, आप ही को केस करना पड़ेगा... तो पर्सनल का मतलब सिविल है.''

प्रोफेसर मुस्तफा ने कहा, ''हमारे यहां ज्यादातर सिविल मामलों में एक ही लॉ है. देश में एक तरह का सिविल कोड है. जैसे आपका और मेरा कॉन्ट्रैक्ट हो तो इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट है, इसमें इस्लामिक लॉ नहीं लगता. इसी तरह आपने मुझसे जमीन खरीदी तो ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट है, इसी तरह हमने और आपने कोई पार्टनरशिप की तो पार्टनरशिप एक्ट है. हमने और आपने कोई और सिविल मैटर में कंपनी बनाई तो एक ही लॉ है. तो बहुत निजी मामलात... सिविल में भी बहुत कम हैं, सिर्फ शादी-ब्याह, तलाक, इनसे रिलेटेड मामलों में पर्सनल लॉ लगता है.''

'कोड' का क्या मतलब है?

प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने बताया, ''कोड का मतलब बहुत लोग यह समझते हैं कि एक ही कानून बन जाए, उसे कोड कहते हैं लेकिन एक ही कानून कोड नहीं है. इंडियन पीनल कोड, यह एक कानून पर्सनल लॉ का, जिसमें जनरल लॉ देश का कि मर्डर क्या है, डकैती क्या है, रेप क्या है... लेकिन हमारे देश में कम से कम तीन से चार हजार कानून होंगे जो क्रिमिनल लॉ से डील करते होंगे.''

उन्होंने कहा, ''सोशल इकोनॉमिक ऑफेंसेज जैसे यूपा है, यह भी क्रिमिनल लॉ है लेकिन यह आईपीसी में नहीं है, इसी तरह फूड अडल्ट्रेशन का लॉ है, यह क्रिमिनल लॉ का हिस्सा है लेकिन इंडियन पीनल कोड में नहीं है. एक लॉ होना कोड के लिए जरूरी नहीं है. कोड में भी कई लॉ हो सकते हैं. जैसे हिंदू कोड बिल, यह एक लॉ नहीं है, एक उसमें हिंदू मैरिज एक्ट है अलग कानून, एक उसमें हिंदू गार्जियनशिप एंड एडॉप्शन एक्ट है, अलग कानून... इसके अलावा भी बहुत से लॉज हैं. कई लॉज मिलकर भी कोड हो सकते हैं. यानी यह भी मुमकिन है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए एक कानून न बनाया जाए.''

यह भी पढ़ें- Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और एसवी भट्टी की हुई नियुक्ति

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

‘हम सरकार के खिलाफ नहीं’, गिरफ्तारी पर बोले चिन्मय दास; कोर्ट ने खारिज की बेल
‘हम सरकार के खिलाफ नहीं’, गिरफ्तारी पर बोले चिन्मय दास; कोर्ट ने खारिज की बेल
संभल की लड़ाई तुर्क-पठान पर आई, सपा-कांग्रेस का एक सुर, बीजेपी बोली- जातीय संघर्ष हमेशा से रहा
संभल की लड़ाई तुर्क-पठान पर आई, सपा-कांग्रेस का एक सुर, बीजेपी बोली- जातीय संघर्ष हमेशा से रहा
इन 8 खिलाड़ियों के लिए यूज़ किया गया RTM, जानें किन-किन प्लेयर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुईं टीमें
इन 8 खिलाड़ियों के लिए यूज़ किया गया RTM, जानें किन-किन प्लेयर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुईं टीमें
'वह खातून खून सूंघ सकती है, उसके इरादे समझ आ गए', इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर भड़की शहबाज शरीफ सरकार
'वह खातून खून सूंघ सकती है, उसके इरादे समझ आ गए', इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर भड़की शहबाज शरीफ सरकार
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Asaduddin Owaisi Exclusive: Sambhal हिंसा पर Sandeep Chaudhary के तीखे सवालों का दिया ओवैसी ने जवाबBigg Boss 18: Alice Kaushik हुई घर से Eliminate, Isha, Avinash-Vivian में से किसे देखना चाहेगी विनर?क्या Suhas Khamkar दिखते हैं Salman Khan जैसे? Drug Overdose पर बनी 'Rajveer' क्या लाएगी Change?Sunny Deol-Dharmendra कैसे करते हैं एक साथ काम? Nana Patekar के गुस्से पर क्या बोले Anil Sharma?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
‘हम सरकार के खिलाफ नहीं’, गिरफ्तारी पर बोले चिन्मय दास; कोर्ट ने खारिज की बेल
‘हम सरकार के खिलाफ नहीं’, गिरफ्तारी पर बोले चिन्मय दास; कोर्ट ने खारिज की बेल
संभल की लड़ाई तुर्क-पठान पर आई, सपा-कांग्रेस का एक सुर, बीजेपी बोली- जातीय संघर्ष हमेशा से रहा
संभल की लड़ाई तुर्क-पठान पर आई, सपा-कांग्रेस का एक सुर, बीजेपी बोली- जातीय संघर्ष हमेशा से रहा
इन 8 खिलाड़ियों के लिए यूज़ किया गया RTM, जानें किन-किन प्लेयर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुईं टीमें
इन 8 खिलाड़ियों के लिए यूज़ किया गया RTM, जानें किन-किन प्लेयर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुईं टीमें
'वह खातून खून सूंघ सकती है, उसके इरादे समझ आ गए', इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर भड़की शहबाज शरीफ सरकार
'वह खातून खून सूंघ सकती है, उसके इरादे समझ आ गए', इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर भड़की शहबाज शरीफ सरकार
मंहगी कारें, लंदन में आलीशान घर...बेहद लग्जरी है ‘बिग बॉस 18’ की कंटेस्टेंट शिल्पा शिरोडकर की लाइफ, जानें नेटवर्थ
मंहगी कारें, लंदन में आलीशान घर, बेहद लग्जरी है शिल्पा शिरोडकर की लाइफ
चुनाव नतीजों के बाद इन दो राज्यों में महिलाओं की बल्ले-बल्ले, अब हर महीने इतना मिलेगा पैसा
चुनाव नतीजों के बाद इन दो राज्यों में महिलाओं की बल्ले-बल्ले, अब हर महीने इतना मिलेगा पैसा
ABP Exclusive: 'सरकार को बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंता, भारत की माइनॉरिटी की नहीं', बोले असदुद्दीन ओवैसी
'सरकार को बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंता, भारत की माइनॉरिटी की नहीं', बोले असदुद्दीन ओवैसी
भारतीय अर्थव्यवस्था की दम घोंट रहा प्रदूषण, 95 अरब डॉलर का नुकसान झेल रहा है देश
भारतीय अर्थव्यवस्था की दम घोंट रहा प्रदूषण, 95 अरब डॉलर का नुकसान झेल रहा है देश
Embed widget