Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बताया असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी
AIMPLB के महासचिव का ये बयान ऐसे समय आया है जब अलग-अलग राज्यों में समान नागरिक संहिता को लागू करने की बातें सामने आ रही है.
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Uniform Civil Code: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी बताया है. AIMPLB के महासचिव हज़रत मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने अपने जारी किए गए प्रेस नोट में कहा कि भारत के संविधान ने देश के हर नागरिक को उसके धर्म के अनुसार जीवन व्यतीत करने की अनुमति दी है और इसे मौलिक अधिकारों में शामिल रखा गया है. इन्हीं अधिकारों के अंतर्गत अल्पसंख्यकों और आदिवासी वर्गों के लिए उनकी इच्छा और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग पर्सनल लॉ रखे गए हैं.
मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने आगे कहा, इससे हमारे देश को कोई क्षति नहीं होती है, बल्कि यह आपसी एकता, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच आपसी विश्वास बनाए रखने में मदद करता है. अतीत में अनेक आदिवासी विद्रोहों को खत्म करने के लिए उनकी इस मांग को पूरा किया गया है कि वे सामाजिक जीवन में अपनी मान्यताओं और परम्पराओं का पालन कर सकेंगे.
All India Muslim Personal Law Board terms Uniform Civil Code an unconstitutional & anti-minorities step; calls it an attempt by Uttarakhand, UP and Central Govts to divert attention from inflation, economy & rising unemployment. AIMPLB also appeals to the Govt to not undertake it pic.twitter.com/HlIBsCaUbw
— ANI (@ANI) April 26, 2022
सरकार ने बढ़ती महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान खींचा है- मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी
मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने इसे अब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सरकार या केन्द्र सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता का राग अलापना कहा है. उन्होंने कहा, 'ये असामयिक बयानबाज़ी के अतिरिक्त कुछ नहीं, प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि इसका उद्देश्य बढ़ती हुई महंगाई, गिरती हुई अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोज़गारी जैसे मुद्दों से भटकाना और घृणा के एजेंडे को बढ़ाना है. यह मुसलमानों के लिए यह अस्वीकार्य है.'
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव का ये बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश से लेकर अलग-अलग राज्यों में समान नागरिक संहिता को लागू करने की बातें सामने आ रही है. गृह मंत्री अमित शाह भी भोपाल में पार्टी की बैठक के जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कह चुके है, ऐसे में अब मुस्लिम संगठनों की तरफ़ से विरोध की आवाज़ें आने लगी हैं.
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