Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश भर में बहस जारी है. वहीं यूसीसी को लेकर लॉ कमीशन ने बेसिक फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है. इस फ्रेमवर्क के मुताबिक, बहुविवाह से लेकर हलाला और इद्दत तक कई बड़ी चीजों पर रोक लगाने की बात कही गई है. वहीं अब खबर सामने आई है कि यूसीसी से सिखों के आनंद मैरिज एक्ट पर असर नहीं पड़ेगा. सिख रीति-रिवाजों के अनुसार होने वाली शादियों को आनंद मैरिज एक्ट 1909 के तहत पंजीकृत किया जाता है.
बेसिक फ्रेमवर्क में ये चीजें हैं शामिल
यूनिफॉर्म सिविल कोड के बेसिक फ्रेमवर्क में लैंगिक समानता पर सबसे अधिक जोर दिया गया है. सभी को शादियां रजिस्टर्ड करनी होंगी, लेकिन ट्राइबल्स को जरूरी रियायतें मिलेंगी. बहुविवाह, इद्दत और हलाला पर भी रोक लगेगी. उत्तराधिकार में लड़की और लड़के दोनों को बराबर का हिस्सा दिया जाएगा. पति की मौत होने और बेटा न होने की सूरत में मुस्लिम महिला को संपत्ति का पूरा हिस्सा मिलेगा. हालांकि यूसीसी के बेसिक फ्रेमवर्क में सुझाव के आधार पर संशोधन किए जा सकेंगे.
'सभी अपने धार्मिक नियमों का कर सकते हैं पालन'
इसके अलावा बेसिक फ्रेमवर्क में कहा गया है कि पूजा, नमाज़ और शादी-विवाह के तौर तरीक़ों पर कोई रोक नहीं है. सभी अपने धार्मिक नियमों का पालन कर सकते हैं. इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप का जिक्र नहीं होगा. इसे डिस्करेज किया जाएगा. सभी को अडॉप्शन का अधिकार दिया जाएगा. मुस्लिम महिलाओं को भी यह अधिकार मिलेगा. तलाक के एक जैसे आधार होंगे, जो आधार पुरुष के लिए होगा, वही स्त्री के लिए भी होगा. आनंद मैरिज एक्ट सिख समुदाय को विवाह कानूनों के तहत पंजीकरण कराने की इजाजत देता है. सिख धर्म के अनुसार विवाह को मान्यता देने के लिए आनंद की रस्म निभाई जाती है.
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