Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) पर लॉ कमीशन ने धार्मिक संगठनों और लोगों से विचार मांगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी वकालत की है. दूसरी तरफ कांग्रेस, सपा, डीएमके और टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दल इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़ रहे हैं. इसी बीच एक मौलाना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें वो मुसलमानों से कहते नजर आ रहे हैं कि यूसीसी को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए.


वीडियो में उन्होंने कहा कि पहले इसका नेचर सामने आने दीजिए. मौलाना ने कहा, ''बिहार में छठ होता है. जो बिहार का नहीं है वो तो छठ के बारे में नहीं जानता. ऐसे ही पता नहीं कितने किस्म के कैलेंडर हैं. पूजा की पद्धति अलग-अलग हैं. दक्षिण का तो खाना, पीना, हंसना और रोना सब कुछ अलग-अलग है. उत्तर में भी सब अलग है. ऐसे में इनको भी तो फिक्र होगी तो आप (मुस्लिम) ही क्यों फिक्रमंद हैं.''


मौलाना क्या बोले?
मौलाना ने कहा, ''असम और गुजरात की संस्कृति अलग-अलग है. एक दाहिने हाथ में तो दूसरा बाएं हाथ में है. किसी पर प्रतिक्रिया देने के लिए वो चीज सामने होनी चाहिए. अभी तो यह भी नहीं पता कि समान नागरिक संहिता का क्या नेचर होगा. कैसा कानून होगा. बेमकसद की बहस शुरू की गई. सारे तबके को परेशान किया गया. इंतजार करिए और रिएक्शन देने में जल्दी मत कीजिए. अपने आपको महफूज रखिए और घबराइए मत.'' 


उन्होंने कहा, ''वक्त आएगा और देखा जाएगा कि वो क्या करते हैं. इनके यहां भी बहुत से मतभेद हैं, तो देखते हैं कि इसे कैसे दूर किया जाएगा. आपके (मुस्लिम) यहां जैसे विरासत का कानून है. ऐसे ही उनके यहां भी विरासत का कानून है. पारसियों, हिंदू, मुस्लिमों, ईसाई और बौद्ध लोगों के अपने-अपने कानून हैं. ऐसे में इस मसले में कुछ साफ होगा तो हम लोग रिएक्ट करेंगे.''


यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का मकसद क्या है?
मौलाना ने कहा, ''यूसीसी लाने के दो मकसद हैं. इसको लाने का पहला मकसद आपको बैचेन करना है. कुछ लोग लग जाएंगे कि ऐसा करिए तो वैसा करिए. यहां पर जमा हो जाओ तो ये बोलो. दूसरा मकसद है कि इन लोगों को बहुत कुछ मिल रहा है. हम ही इनको परेशान किए हुए हैं. ऐसे में दूसरे आदमी इकट्ठा हो जाएंगे और कहने लगेंगे कि मुसलमानों को बहुत फायदा था. ''


उन्होंने कहा, ''पूछा जाएगा कि क्या फायदा मिल रहा तो कहेंगे कि मुसलमान चार शादी कर सकता था. ये एक हवा बनाई गई. इस माहौल में कभी सच्चाई सामने नहीं आएगी. यहां हजारों मुस्लिम बैठे हैं. इनसे सवाल करिए कि कितने लोगों की चार शादी हुई है. ये प्रोपेगेंडा है. दोनों इसे बढ़ा रहे हैं. कानून लाने वाला कह रहा है कि चार शादी नहीं करने देंगे तो दूसरा समूह कह रहा है ऐसे कैसे नहीं करने देंगे.'' 


उन्होंने आगे कहा, "आप जब भी किसी चीज पर रिएक्ट करते हैं तो ख्याल रखिए कि दूसरे के चाहने वाले प्रोग्राम का हिस्सा मत बनिए, उसने सोच के एक्शन लिया है. ऐसा ना हो कि जो उसने सोचा वो ही हो. फिर वो बोले कि हम तो जानते थे कि ऐसा ही होगा. सारा मुसलमान परेशान है. मौलाना के वीडियो को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने भी शेयर किया है." 






संविधान का किया जिक्र 
मौलाना ने बताया, "संविधान की आर्टिकल 44 के मुताबिक, मुल्क के रहने वालों के लिए एक जैसा कानून होना चाहिए है. ये तो अच्छी बात है लेकिन इसके इंटरप्रिटेशन से मसला पैदा होता है. कोई कहेगा कि पूरे देश में अमीर, गरीब, गोरा और काला सब के साथ एक तरह से व्यवहार होना चाहिए है. ये तो अच्छी बात है." 


उन्होंने कहा, "कोई कहेगा कि सबके लिए एक कानून होना चाहिए है, लेकिन कोई कहेगा कि आपने कॉलर वाला कुर्ता पहना और इसने दूसरे ने बिना कॉलर का कुर्ता पहना है. ऐसे में सब आदमी कॉलर वाला कुर्ता पहनें या फिर बिना कॉलर वाला कुर्ता पहनें. ये मकसद है तो आपको समझ में नहीं आया कि कानून बनाने वाला क्या कहना चाहता है."


उन्होंने कहा, "असल मकसद ये है कि हर आदमी आजाद है कि वो क्या कपड़ा पहनेगा. ये ही यूनिफॉर्म सिविल कोड है. हैरत की बात है जिस मुल्क में हर चार कोस पर भाषा, प्रथा, रिवाज और संस्कृति बदल जाती है तो सिर्फ मुसलमान ही यूसीसी ही परेशान क्यों हो जाए. ये बड़ी गलती है. कई लोग जो अपने आपको मुस्लिम नेता कहते हैं कि वो मुसलमानों को झोक रहे हैं कि आप खड़े हो जाओ." 


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