UCC पर संग्राम: AAP का सैद्धांतिक समर्थन, विपक्ष ने उठाए सवाल तो राजनाथ सिंह ने दिया जवाब, IUML-AIMPLB का भी आया रिएक्शन | बड़ी बातें
UCC Issue: पीएम मोदी ने भोपाल में यूसीसी की वकालत करते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा. अब विपक्ष के कई दलों ने इसे लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जुबानी जंग शुरू कर दी है.
Politics Over Uniform Civil Code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर दिए गए बयान के बाद फिर से इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्षी दलों के बीच संग्राम छिड़ गया है. कांग्रेस, जेडीयू, आप समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इसपर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. ऐसे में मुद्दे को लेकर राजनीति जोरों पर है.
1- पीएम मोदी ने मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) में आयोजित 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम में यूसीसी का जिक्र करते हुए कहा था, "हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा... तो घर चल पायेगा क्या? ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?"
2- पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्ष पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार पर हमलवार है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबर ने ट्वीट कर लिखा, "प्रधानमंत्री ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की वकालत करते हुए राष्ट्र को परिवार के बराबर बताया है. सामान्य रूप से देखने पर ये तुलना सही लग सकती है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग है. एक परिवार खून के रिश्तों से एक धागे में बंधा होता है, जबकि एक राष्ट्र संविधान के तहत एक साथ आता है, जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है." उन्होंने कहा दोनों में बहुत फर्क है.
3- आम आदमी पार्टी की बात करें तो पार्टी का कहना है कि सैद्धांतिक रूप से वह यूसीसी का सपोर्ट करती है लेकिन सभी धर्म संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए. आप नेता संदीप पाठक ने कहा, "सैद्धांतिक रूप से हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं. संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है. अनुच्छेद 44 कहता है कि UCC होना चाहिए लेकिन ये मुद्दा सभी धर्म संप्रदाय से जुड़ा है, इसलिए स्टेक होल्डर्स से आम सहमति बनानी चाहिए. सरकार को इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए जिसमें राजनीतिक दल और गैर-राजनीतिक संस्थाएं शामिल हों."
4- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा के लिए मंगवार (27 जून) को बैठक भी की. बैठक के बाद AIMPLB ने लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखकर राय देने के लिए छह महीने का समय मांगा है. दारुल उलूम देवबंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने भी पीएम मोदी के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "बीजेपी चाहती है कि मुसलमानों की मजहबी आजादी को छीन ले और वही हो रहा है."
5- यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मोदी की वकालत का स्वागत किया और कहा कि देश में इसकी मदद से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दूर किया जाना चाहिए. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "संविधान का अनुच्छेद 44 सरकार को देश के लिए जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता बनाने की कोशिश करने की अनुमति देता है." उन्होंने यूसीसी प्रस्ताव पर आपत्ति जताने वाले विपक्षी दलों और मुस्लिम समूहों की आलोचना भी की.
6- वहीं, यूसीसी पर आप के सपोर्ट पर अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत चीमा ने अरविंद केजरीवाल को दोहरी मानसिकता वाला बताया है. उन्होंने कहा, "आप नेता संदीप पाठक के बयान ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का असली चेहरा उजागर कर दिया है. केजरीवाल भी अलग नहीं वो भी बीजेपी जैसे ही हैं."
7- जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, "उनकी पार्टी और नीतीश कुमार समान नागरिक संहिता का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि सबको साथ मिलाकर और सलाह-मशविरा करके यूसीसी पर आगे बढ़ना चाहिए लेकिन बीजेपी चालाकी कर रही है. बीजेपी यूसीसी को इसलिए मुद्दा बना रही है क्योंकि 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है.
8- इन सबके बीच बीजेपी ने भी विपक्ष को करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यूसीसी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने पर राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर तगड़ा पलटवार किया. बीजेपी ने कहा, ''हमने कहा था कि समान नागरिक संहिता लागू होगी. विरोधी लोग इस पर हिंदू और मुसलमान की बात कर रहे हैं. क्या राजनीति समाज को बांटकर करनी चाहिए? क्या हम समाज और सारे देश को साथ लेकर राजनीति नहीं कर सकते हैं? कोई मुस्लिम है, अगर अपनी धार्मिक क्रिया करना चाहता है तो क्या हम उसको नहीं होने देंगे?"
9- रक्षा मंत्री ने कहा, ''क्यों हमारे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है? क्या उसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं हैं? क्या संविधान सभा में सरदार वल्लभभाई पटेल नहीं हैं? क्या बाबा साहब भीमराव आंबेडकर नहीं हैं? क्यों मोदी जी को लांछित किया जा रहा है? क्या एक देश-एक विधान नहीं होना चाहिए? क्या एक कानून देश में नहीं होना चाहिए?' महिलाओं का सम्मान हमारी प्रतिबद्धता है. चाहे वो किसी जाति, किसी पंथ, किसी मजहब की मानने वाली महिला हों."
10- इसके अलावा समाजवादी पार्टी की ओर से यूपी के संभल से सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार के कुछ भी तब्दील करने के बाद भी मुसलमान अपने मजहब पर ही रहेगा. उन्होंने कहा यूसीसी से मुल्क में हालात बिगड़ेंगे. उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों को धमकियां दी जा रही कि वह यहां चले जाएं, देश किसी के बाप का नहीं है. वहीं, बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "यूसीसी को इन 'सांप्रदायिक शिल्पकारों' से मुक्त कराने का समय आ गया है क्योंकि यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है."
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