Uniform Civil Code Issue: समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार (27 जून) को भोपाल में दिए गए बयान के बाद से विपक्ष और सरकार में शुरू हुई बयानबाजी गुरुवार (29 जून) को भी जारी रही.


एक तरफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. इस पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया. वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले कानून और न्याय मामलों की संसदीय समिति ने 3 जुलाई को यूसीसी को लेकर बैठक बुलाई है. इसमें लॉ कमीशन को भी बुलाया गया है. बड़ी बातें- 


1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कहा था, ''यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा कानून तो ऐसे में क्या वह परिवार चल पाएगा. ऐसे में ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.''


2. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने चेन्नई में गुरुवार को आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने कानून व्यवस्था की स्थिति को पूरी तरह से बाधित करने और 'धार्मिक हिंसा' भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लोग इन्हें 2024 के चुनाव में जवाब देंगे. 


3. डीएमके चीफ स्टालिन ने कहा कि हमारे पीएम मोदी कहते हैं कि एक देश में दो तरह के कानून नहीं होने चाहिए. वो देश में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर और भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आपको स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि आगामी लोकसभा चुनाव में लोग बीजेपी को सबक सिखाने के लिये तैयार हैं. 


4. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यूसीसी के बारे में चर्चा करने से पहले केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करना चाहिए. यूसीसी मुद्दे को लेकर हो रही बहस पर उन्होंने कहा, ''एनसीपी विभिन्न समुदायों के सुझावों और मांगों पर गौर करने के बाद अपना रुख स्पष्ट करेगी.''


5. पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी से यूसीसी को लेकर तीन सवाल किए. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र ने समान नागरिक संहिता पर जोर दिया. विपक्ष पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाया. पहला सवाल, आखिर नौ साल बाद यह बात क्यों? 2024 (चुनाव के लिए)? दूसरा सवाल, आपका प्रस्ताव कितना ‘समान’ है, आदिवासी और पूर्वोत्तर सभी इसके दायरे में आते हैं? तीसरा सवाल, हर दिन आपकी पार्टी मुसलमानों को निशाना बनाती है. क्यों? अब आपको चिंता हो रही है.’’


6. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को श्रीनगर में कहा कि केंद्र सरकार को यूसीसी के मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए और इसे लागू करने के परिणामों पर पुनर्विचार करना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा, ‘'यह विविधताओं से भरा देश हैं. यहां विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं और मुसलमानों का अपना शरिया कानून है. उन्होंने आगे कहा कि (केंद्र सरकार को) इन सब पर विचार करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने के बजाय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि तूफान आ जाए. 


7. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने गुरुवार को कहा कि महज ‘शरिया’ का विरोध ही यूसीसी का आधार नहीं हो सकता. पार्टी के मुखपत्र सामना में इस बात पर भी जोर दिया कि यूसीसी का अर्थ कानून और न्याय की दृष्टि में सभी के लिए समानता भी है. शरिया, कुरान की शिक्षाओं तथा पैगंबर मोहम्मद के उपदेशों पर आधारित इस्लामिक धार्मिक कानून है, जिसका मुस्लिम समाज के लोग पालन करते हैं. 


8. विपक्ष के केंद्र सरकार पर निशाने के बीच केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार (29 जून) को कहा, ''यूसीसी पर अभी कयास लगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि लॉ कमीशन ने एक महीने का समय दिया है. कमीशन ने सुझाव देने के लिए जो समय दिया वो 13 जुलाई तक है. लिहाजा अभी इस पर ज्यादा कुछ कहना सही नहीं है.''


9. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष के हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के सभी नागरिक समान हैं और सभी के सहयोग से समान यूसीसी लागू करना संभव होगा. उन्होंने कहा कि देश के लोगों को यह तय करना होगा कि क्या वे उन राजनीतिक दलों को वोट देना चाहते हैं जो तुष्टिकरण की नीति पर चलते हैं या उन्हें (बीजेपी) जो संतुष्टिकरण की नीति पर हैं. 


10.  सिंधिया ने कहा कि तीन तलाक की प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद, अब यूसीसी को सभी की मदद से अधिनियमित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इन सभी कदमों को संभव बनाया है जबकि पिछले 70 वर्षों में ऐसे कदम नहीं उठाए गए थे. 


ये भी पढ़ें- UCC का नाम बदलकर ICC कर दिया जाए...यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बीजेपी नेता ने लॉ कमीशन को दिए सुझाव