UCC News: यूसीसी यानी नागरिक संहिता (Unifrom Civil Code) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद से देशभर में इस मुद्दे पर चर्चाएं तेज हो गई हैं. एक तरफ इसकी वकालत करने वाले यूसीसी के फायदे गिना रहे हैं तो वहीं एक दूसरा पक्ष है जो इसके खिलाफ है और कानून की कमियां बताकर इसका समर्थन नहीं करने की अपील कर रहा है. इस बीच डॉ भीमराव अंबेडकर का भी कई बार जिक्र किया गया कि वह भी इसे लागू लाना चाहते थे.


लीगल हिस्टोरियन डॉक्टर सौम्या सक्सेना ने बताया कि अंबेडकर के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का क्या मतलब था. उन्होंने कहा, "यूसीसी पर कई डिबेट्स में डॉक्टर भीम राव के बायानों का जिक्र किया जा रहा है. अंबेडकर हमेशा ये चाहते थे कि समाज में भेदभाव की पहचान हो इसीलिए उनका बहुत ज्यादा प्रभाव इस बात पर भी रहा है कि वह दलितों की पहचान को अलग हाइलाइट करें. उनका यूनिफॉर्म से ये अर्थ नहीं था कि सब एक समान हो जाएगा. उनका यूनिफॉर्म से ये अर्थ था कि किसी के भी मौलिक अधिकारों पर कहीं भी अनदेखी न हो. काफी हद तक देखा जाए तो नेहरू भी इससे सहमत थे.


भीमराव अंबेडकर क्या था मानना?
एबीपी लाइव पॉडकास्ट के साथ बात करते हुए सौम्या ने कहा कि यूसीसी को इस तरह से नहीं देखना चाहिए कि उसके आने से सारी मुश्किलें दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि पहले जब संविधान बन रहा था और इसकी डिमांड थी तो इस पर बहुत स्पष्टता नहीं थी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड कैसा होगा, लोगों को पता नहीं था कि ये सिर्फ रिलीजियस लॉ को प्रभावित करेगा या आपकी भाषा और कल्चर भी इसमें आएगे. 


उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने खुद जब कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हम लाना चाहते हैं तो उन्होंने यह नहीं कहा था कि आप तुरंत इसे ले आइए उन्होंने कहा था कि अगर आने वाली सरकारों को ये लगे तो वे यूनिफॉर्म सिविल कोड ला सकते हैं, लेकिन ये भी हो सकता है कि आने वाली पीढी इस बात को जरूरी न समझे. ऐसा नहीं था कि उस समय भी लोग इस पर सहमत ही हो गए हों.


पीएम मोदी के बयान से तेज हो गईं यूसीसी की चर्चा
इससे पहले पीएम मोदी ने यूसीसी पर बयान में कहा था कि जब जब परिवार में दो सदस्यों के लिए दो अलग नियम नहीं हो सकते तो देश दोहरी व्यवस्था से कैसे चलेगा. इसके बाद कहा जा रहा है कि मोदी सरकार 2024 चुनाव से पहले यूसीसी पर बिल बनाकर संसद में ला सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर यूनिफॉर्म सिविल कोड सरकार किस बुनियाद पर लाना चाहती है.


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