Survey On UCC: देश में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बहस तेज है. विधि आयोग (Law Commision) ने यूसीसी पर धार्मिक संगठनों और लोगों से अपनी राय बताने को कहा है, जिसका आज 14 जुलाई को आखिरी दिन है. समान नागरिक संहिता को लेकर सबसे तेज विरोध मुस्लिम धर्मगुरुओं की तरफ से हो रहा है. यूसीसी पर मुस्लिम महिलाएं क्या सोचती हैं, इसे लेकर न्यूज18 ने एक सर्वे किया है, जिसमें चौंकाने वाले जवाब सामने आए हैं.
सर्वे में देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 8035 महिलाओं से सवाल किए गए और ये जानने की कोशिश की गई कि यूसीसी में जिन मुद्दों को शामिल किया जा सकता है, उसके बारे में वे क्या सोचती हैं. सर्वे में महिलाओं से सात प्रमुख सवाल पूछे गए थे. इन सवालों में यूसीसी का सीधा कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन ये उन्हीं विषयों से जुड़े थे, जिन्हें इसके तहत कवर किया जा सकता है. आइए देखते हैं, मुस्लिम महिलाओं ने इस पर क्या जवाब दिए हैं. सर्वे में अलग शिक्षा और आयु वर्ग के भी आंकड़े दिए गए हैं.
1- सभी के लिए एक कानून
महिलाओं से पूछा गया कि शादी, तलाक, गोद और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों में देश के सभी लोगों के लिए एक कानून का समर्थन करती हैं? इस सवाल के जवाब 67.2 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने 'हां' में दिया है. 25.4 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वे इसका समर्थन नहीं करती हैं, जबकि 7.4 प्रतिशत की इस बारे में कोई राय नहीं है.
2- मुस्लिम मर्दों की 4 शादी
मुस्लिम महिलाओं से पूछा गया कि क्या मुस्लिम मर्दों को चार महिलाओं से शादी करनी चाहिए. सर्वे में शामिल 76.5 प्रतिशत महिलाओं ने 4 बीवी रखने का विरोध किया है. 17.4 फीसदी इसके पक्ष में हैं, जबकि 6.1 प्रतिशत ने कोई जवाब नहीं दिया है. ग्रेजुएट पास महिलाओं में 78.6 फीसदी इसके विरोध में हैं.
3- महिला और पुरुष को संपत्ति में बराबर अधिकार
बेटे और बेटियों को संपत्ति में बराबर अधिकार मिलने के सवाल पर 82.3 फीसदी मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया है. सिर्फ 11.1 फीसदी महिलाओं ने इसका जवाब 'न' में दिया है.वहीं, 6.6 फीसदी महिलाओं की इस बारे में राय स्पष्ट नहीं है.
4- तलाक के बाद शादी
73.7 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं चाहती हैं कि तलाक के बाद मुस्लिम कपल को बिना किसी प्रतिबंध या शर्त के दोबारा शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए. 18 फीसदी महिलाएं ऐसा नहीं सोचती हैं और उन्होंने 'नहीं' में जवाब दिया है. 8.3 प्रतिशत महिलाओं ने कोई राय नहीं दी. अगर ग्रेजुएट महिलाओं के आंकड़ों को देखें तो 79 फीसदी बिना किसी शर्त के दोबारा शादी चाहती हैं. बता दें कि मुस्लिम समुदाय में तलाक के बाद पति-पत्नी को दोबारा शादी के लिए हलाला की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
5- गोद लेने में धर्म का रोल
क्या गोद लेने में धर्म को ध्यान में रखे बिना गोद रखने की अनुमति दी जानी चाहिए? इस सवाल के जवाब 64.9 प्रतिशत महिलाओं ने हां में दिया है. 22.9 प्रतिशत महिलाएं इसके विरोध में हैं, जबकि 12.2 फीसदी ने कहा कि उन्हें नहीं पता है या वे बता नहीं सकतीं.
6- वसीयत का अधिकार
क्या सभी वयस्क भारतीयों को अपनी संपत्ति अपनी इच्छानुसार वसीयत करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए? 69.3 फीसदी मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया है. 16.6 फीसदी महिलाएं विरोध में हैं. वहीं, 14.1 प्रतिशत कहा कहा है कि उन्हें नहीं पता.
7- शादी की उम्र
सर्वे में महिला और पुरुष दोनों के लिए शादी की उम्र 21 साल करने को लेकर सवाल किया गया तो 78.7 मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया. 16.6 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो इसका समर्थन नहीं करती हैं. कोई राय न रखने वाली महिलाओं का प्रतिशत 4.7 है.
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